मुंबई। BCCI के रुख पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति की आपत्ति के बावजूद बोर्ड के दिग्गज पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के पसीने छुटाने में जुटे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के रुख पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (CEO) की आपत्ति के बावजूद बोर्ड के दिग्गज पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
सबसे पहले बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बुधवार को सीओए को ई-मेल में लिखा कि अधिकतर राज्य संघों का यह मानना है कि हमें आइसीसी को कानूनी नोटिस भेजना चाहिए, इस पर आपकी क्या राय है?
इसके बाद सीओए ने गुरुवार को ई-मेल जारी करते हुए लिखा कि आपने पहले ही सात मई को विशेष आम सभा (एसजीएम) बुला रखी है। इसमें 24 और 26 अप्रैल को दुबई में हुई बैठक को लेकर आइसीसी पर फैसला होना है। इससे पहले आइसीसी को कोई नोटिस भेजने का कारण नजर नहीं आता। हमें नहीं लगता कि अगर आप एसजीएम से पहले नोटिस नहीं भेजते हो तो उससे भारत के हितों को कोई खतरा है। आपको पहले चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम चुननी चाहिए।
इसके जवाब में अमिताभ ने गुरुवार को ही फिर सीओए को ई-मेल लिखकर कहा कि आइसीसी को कानूनी नोटिस भेजने का अंतिम समय नजदीक आता जा रहा है। 30 दिन पहले हमें नोटिस भेजना होगा। आप हमें इसकी अनुमति दें। अगर समय पर ऐसा नहीं किया गया तो बीसीसीआइ के हित प्रभावित होंगे। हमें लगता है कि आपको कोई गलत सलाह दी गई है।
आइसीसी से बीसीसीआइ को मिलने वाला राजस्व आधा होने के बाद दोनों के बीच जंग छिड़ी हैं। जहां बीसीसीआइ राजस्व के बिग थ्री मॉडल से हटने के कारण आइसीसी को कानूनी नोटिस भेजकर चैंपियंस ट्रॉफी से हटने तक का मूड बनाए है वहीं सीओए चाहता है कि सात तारीख की एसजीएम से पहले आइसीसी को कोई कानूनी नोटिस नहीं भेजा जाए। साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी से भारत कतई न हटे। इसके लिए सीओए ने पांच को बीसीसीआइ के उत्तर व पश्चिम जोन और छह को मध्य, दक्षिण और पूर्व जोन की बैठक बुलाई है।
इन हालातों में चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के खेलने पर संशय बना हुआ है।