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पांचवें चरण में आम और खास प्रत्याशियों में टक्कर

vote 5 1 पांचवें चरण में आम और खास प्रत्याशियों में टक्कर

लखनऊ। सूबे में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आज पांचवें चरण का मतदान हो रहा है। पांचवें चरण में सभी दलों की निगाहें अयोध्य़ा पर टिकी हुई है। सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस गठबन्धन से लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। पांचवें चरण को मिलाकर सूबे की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 313 पर मतदान सम्पन्न हो जाएगा। इस तरह मात्र 90 सीटों पर अब मतदान बचा है।  पांचवें चरण की कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर नजर डालें तो अमेठी इनमें सबसे हॉट है।

vote 5 1 पांचवें चरण में आम और खास प्रत्याशियों में टक्कर

राजघराने की रानियां ठोक रहीं ताल

पांचवें चरण में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अमेठी नरेश डॉ. संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह हैं, जिनके लिए संजय खुद प्रचार करते नजर आये, तो पहली रानी गरिमा सिंह भाजपा के लिए कमल खिलाने में जुटी हुई हैं। इसके अलावा इन दोनों को सपा के चर्चित नेता और मंत्री गायत्री प्रजापति से कड़ी चुनौती मिल रही है। गायत्री वर्ष 2012 में यहां से चुनाव जीतकर चर्चाओं में आये थे। फिलहाल पर दुष्कर्म के आरोपों के कारण सुर्खियों में हैं।

गोण्डा की मनकापुर सुरक्षित से रमापति शास्त्री भाजपा प्रत्याशी हैं। उन्हें राजघराने का समर्थन प्राप्त है और सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उनके लिए लगातार लोगों से वोट की अपील करते नजर आये। बसपा ने रमेश गौतम पर फिर भरोसा जताया तो सपा से विसुन आजाद मैदान में हैं। गोण्डा सदर से 2012 में जीतने वाले प्रदेश सरकार के मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पण्डित सिंह भले ही तरबगंज से मैदान में हैं, लेकिन उनके भतीजे सूरज सिंह के सदर सीट से प्रत्याशी होने के कारण चुनाव रोचक हो गया है। उन्हें भाजपा ने सांसद बृजभूषण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण पर दांव खेला है। बसपा ने 2007 में गोण्डा सदर से विधायक रहे जलील खां पर भरोसा जताया है।

करनैलगंज में 2012 का चुनाव जीतने वाले योगेश प्रताप सिंह को फिर विधानसभा पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भइया का दावा है कि इस बार कमल खिलकर ही रहेगा। लल्ला भइया पांच बार क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वहीं बसपा से सन्तोष तिवारी मैदान में हैं। इसलिए ब्राम्हण वोटों का ध्रुवीकरण यहां जीत-हार के अन्तर को बेहद कम कर सकता है।

जनपद बलरामपुर में गैसड़ी में सपा सरकार में मंत्री डॉ. एस.पी. यादव की प्रतिष्ठ दांव पर है। बसपा से यहां अलाउद्दीन खां और भाजपा से शैलू सिंह मैदान में हैं। तुलसीपुर विधानसभा से सपा के मौजूदा विधायक मशहूद खां फिर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि उन्हें कांगेस के स्टार प्रचारक पूर्व सांसद रिजवान जहीर की बेटी जेबा रिजवान कड़ी टक्कर दे रही हैं। वहीं भाजपा ने कैलाशनाथ शुक्ला पर दांव खेला है। बसपा ने डॉ. के.के. सचान को मैदान में उतारा है।

संतकबीरनगर में धनघटा सुरक्षित से सपा ने विधायक अलगू प्रसाद चौहान पर फिर भरोसा जताया है। भाजपा ने इस सीट से दो बार विधायक रह चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीराम चौहान पर दांव खेला तो बसपा को अपने प्रत्याशी नीलमणि की जीत की उम्मीद है। नीलमणि पूर्व में इस सीट से कांग्रेस और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें हार नसीब हुई थी। खलीलाबाद से पीस पार्टी के अध्यक्ष और मौजूदा विधायक डॉ. अयूब फिर मैदान में हैं। भाजपा ने दिग्विजय नारायन उर्फ जय चौबे पर फिर भरोसा जताया है, वहीं बसपा ने मशहूर आलम पर दांव खेला है। जबकि सपा-कांग्रेस गठबन्धन से जावेद खान मैदान में हैं।

सिद्धार्थनगर की कपिलवस्तु सुरक्षित में सपा और भाजपा के बीच जोरदार मुकाबला नजर आ रहा है। यहां वर्ष 2012 में पूर्व मंत्री श्रीराम चौहान को हराने वाले सपा प्रत्याशी और विधायक विजय पासवान की राह इस बार आसान नहीं लग रही है। उन्हें भाजपा के श्यामधनी राही से कड़ी चुनौती मिल रही है। बसपा ने हयां चन्द्रभान पहलवान पर दांव खेला है।

डुमरियागंज विधानसभा से सपा ने पूर्व मंत्री कमाल युसूफ का टिकट काटकर रामकुमार यादव को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कमाल युसूफ अब बसपा के खेमे में हैं। बसपा ने पूर्व विधायक स्व. तौफीक मलिक की बेटी सैयदा खातून पर दोबारा भरोसा जताया है। खास बात है कि कमाल युसूफ और तौफीफ मलिक परिवार एक दूसरे का धुर विरोधी है, लेकिन पहली बार दोनों एक साथ हैं। भाजपा ने राघवेन्द्र प्रताप सिंह पर दांव खेला। राघवेन्द्र हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी हैं और गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी हैं।

इटवा विधानसभा से सपा प्रत्याशी और विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पाण्डेय को इस बार भाजपा और बसपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। भाजपा ने यहां डॉ. सतीशचन्द्र द्विवेदी पर भरोसा जताया है वहीं बसपा ने अरशद खुर्शीद पर दांव खेला है। शोहरतगढ़ विधानसभा में सपा से मौजूदा विधायक लालमुन्नी सिंह के पुत्र उग्रसेन सिंह पार्टी प्रत्याशी हैं। वहीं अनिल सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उन्हें चुनौती दे रहे हैं। इसी तरह भाजपा-अपना दल गठबन्धन के तहत अपना दल से चौधरी अमर सिंह मैदान में हैं। वहीं बसपा ने मो. जीमल सिद्दीकी, रालोद ने तीन बार विधायक रहे रवीन्द्र प्रताप चौधरी और एआईएमआईएम ने अली अहमद पर भरोसा जताया है।

सुलतानपुर से दो बार के विधायक अनूप संडा इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार हैं। उनके मुकाबले पर भाजपा के सूर्यभान सिंह और बसपा से मुजीब अहमद हैं। सूर्यभान सिंह पूर्व विधायक हैं तो मुजीब राजनीति के कच्चे खिलाड़ी। ऐसे में लड़ाई सपा-बसपा के बीच आकर फंस गई है। सुल्तानपुर विधानसभा सीट पर सपा हैट्रिक तो बसपा खाता खोलने के जोर आजमाइश कर रही है।
पांचवें चरण के प्रमुख प्रत्याशी

इस चरण में अखिलेश सरकार के मंत्रियों में अमेठी सीट पर गायत्री प्रसाद प्रजापति, अयोध्या से पवन पांडेय, अकबरपुर से राममूर्ति वर्मा, महादेवा सुरक्षित क्षेत्र से रामकरन आर्य, तरबगंज क्षेत्र से विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह, मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद, जलालपुर से शंखलाल मांझी, गैंसड़ी सीट से शिव प्रताप यादव और मटेरा सीट पर यासर शाह की किस्मत दांव पर होगी। जबकि उ.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण सिंह, पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह, योगेश प्रताप सिंह व उमेश्वर पाण्डेय के अलावा बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, बसपा सरकार में मंत्री रहे लालजी वर्मा और पीस पार्टी मुखिया डॉ. अय्यूब जैसे दिग्गज नेताओं की आज अग्नि परीक्षा हो रही है।

इस तरह 51 सीटों पर आम और खास प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला है। एक तरफ 2012 का चुनाव जीतने वाले विधायकों पर अपना सियासी किला बचाये रखने की जिम्मेदारी है तो पिछली बार हारने वाले और नये उम्मीदवार इस किले पर अपना सियासी कब्जा जमाने के लिए जुटे हैं। देखना है कि आज जनता का दिल जीतने में कौन कामयाब रहा। इसका खुलासा 11 मार्च को ईवीएम के रिजल्ट बतायेंगे।

पांचवा चरण-11 जिलों की 51 सीटें

बलरामपुर- तुलसीपुर, गैनसारी, उतरौला, बलरामपुर
गोण्डा- मेहनौन, गोंडा, कटरा बाजार, कर्नलगंज, तरबगंज, मनकापुर, गौरा
फैजाबाद- रुदौली, मिलकीपुर, बीकापुर, अयोध्या, गोसाईंगज
अंबेडकरनगर- कटेहरी, टांडा, जलालपुर, अकबरपुर, अलापुर (अब 09 मार्च को होगी वोटिंग)
बहराइच- बालहा, नानपारा, मटेरा, महसी, बहराइच, पयागपुर, कैसरगंज
श्रावस्ती- श्रावस्ती, तुलसीपुर,
सिद्धार्थनगर- शोहरतगढ़, कपिलवस्तु, बांसी, इटवा, डुमरियागंज,
बस्ती- हरैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर, महादेवा
संतकबीरनगर- मेहदावल, खलीलाबाद, धनघटा,
अमेठी- जगदीशपुर, गौरीगंज, अमेठी, तिलोई
सुलतानपुर- इसौली, सुलतानपुर, सदर, लंबुआ, कादीपुर

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