देहरादून। सूबे की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने निकायों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान कर दिया है। सरकार की ओर से अब यहां के गांव से जुड़े 35 निकायों के विस्तार करने का ऐलान किया गया है। जिसके बाद अब यहां के 375 गांव में विकास की थमी रफ्तार को फिर से तेज किया जा सकेगा। सरकार की ओर से ये कदम हाल में होने वाले निकाय चुनावों के पहले लेकर साफ कर दिया है कि सरकार सूबे के उन ग्रामीण इलाकों के विकास को प्राथमिकता दे रही है जो शहरी इलाकों के करीब में हैं या फिर उनसे जुड़े हुए हैं।
हांलाकि निकायों के विस्तारीकरण की इस नीति का सूबे के निगमों पर खासा असर पड़ने वाला है। क्योंकि निगमों में अधिकारियों और कर्मचारियों की आमद कम पहले से ही है दूसरा अब विस्तार के बाद अतिरिक्त काम को बोझ भी इन कर्मचारियों के सिर आने वाला है। दूसरा विकास के मद में खर्च होने वाले धन के आभाव से भी ये नगर निगम और पालिकाएं जूझ रही हैं। अब इनका दायरा बढ़ने से खर्च की अधिकता भी बढ़ जायेगी। हांलाकि सरकार का मानना है कि इससे इनके समुचित विकास के साथ नगर निगमों और नगर पालिकाओं के बजट में भी सुधार और आमदनी भी बढ़ सकती है।
सरकार की ओर से किए गए फैसलों का कई जनप्रतिनिधियों ने विरोध भी किया है। लोगों का कहना है कि इससे अतिरिक्त करों का बोझ जनता पर सरकार डाल रही है। सामान्य कामों के लिए भी अधिकारियों की परमिशन की आवश्यकता पड़ेगी। जो कि एक तरह की जटिल प्रक्रिया होगी। कई जनप्रतिनिधियों का मानना है कि सरकार ने इसमें जल्दबाजी दिखा दी है। सरकार को पहले आधारभूत सुविधाओं की कमी को दूर करना चाहिए था इसके बाद ही इस बारे में पहल करनी चाहिए थी।