देहरादून। शिक्षकों व सरकारी कर्मियों में अन्तर है, शिक्षक राज्य के लिये प्राइड भी होता है। राज्य में शिक्षकों की बड़ी संख्या के दृष्टिगत उन्होंने देहरादून में संगठन के लिये संघ भवन की जरूरत बतायी, उन्होने कहा कि संगठन लोकतंत्र को मजबूत करते है, लोकतंत्र संविधान की रीढ़ है, राज्य का आधार ही शिक्षा से जुडे लोग है, यह राज्य के सम्मान से जुड़ा विषय भी है। ये बातें सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय शिक्षक संघ के चतुर्थ द्विवार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कही। इस मौके पर उन्होने कहा कि शिक्षकों से शिक्षा के विकास व उन्नयन पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की है। किसी बच्चे की शिक्षा का अहित न हो शिक्षकों को इसका भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों की शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शिक्षकों व सरकारी कर्मियों में अन्तर है, शिक्षक राज्य के लिये प्राइड भी होता है। राज्य में शिक्षकों की बड़ी संख्या के दृष्टिगत उन्होंने देहरादून में संगठन के लिये संघ भवन की जरूरत बतायी, उन्होने कहा कि संगठन लोकतंत्र को मजबूत करते है, लोकतंत्र संविधान की रीढ़ है, राज्य का आधार ही शिक्षा से जुडे लोग है, यह राज्य के सम्मान से जुड़ा विषय भी है। किसी भी विभाग का केन्द्र बिन्दु आम आदमी होना चाहिए। हमारी चाहे कोई भी समस्या हो किन्तु बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसके लिये शिक्षकों को संवेदनशील बनना होगा। प्रदेश में बच्चों से सीधा संवाद कार्यक्रम करने के लिये प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पहल की गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय शिक्षक संघ की स्मारिका ‘‘शिक्षा दर्पण‘‘ का विमोचन तथा वेबसाइट का लोकार्पण किया। कार्यक्रम संगठन के प्रान्तीय महामंत्री सोहन माजिला द्वारा संगठन में कार्यकलापों की जानकारी दी। इस अवसर पर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा आर.के.कुंवर, कुलपति एस.जी.आर.आर. विश्वविद्यालय डॉ.पीताम्बर प्रसाद ध्यानी, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चैहान, संरक्षक अरविंद चैधरी, भाजपा के प्रदेश सचिव सुनिल उनियाल गामा, पार्षद अशोक भट्ट एवं प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक उपस्थित थे।