बिहार। सुप्रीम कोर्ट के वकील द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका के बाद अब सीएम नीतीश कुमार को अयोग्य करार दिए जाने पर एससी ने राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। तथा इसपर जवाब देने के लिए तलब किया है। जनहित याचिका में सीएम नीतीश कुमार पर चुनावी हलफनामे में आपराधिक मुकदमों को छिपाने का आरोप लगाया गया है।
आरोप लगाया गया है कि सीएम नीतीश कुमार ने साल 1991 में हुई हत्या के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के बारे में 2004 तथा 2012 के शपथ पत्र में नहीं बताया गया था। ऐसे में याचिका में लिखा गया है कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर पहने का कोई हक नहीं है। याचिका में सीएम नीतीश कुमार को विधान परिषद की सदस्यता के लिए अयोग्य करार देने की मांग की गई थी।
आपको बता दें कि सीएम के खिलाफ जो मामला दर्ज हो वह 26 साल पुराना है। इस मामले में सीएम नीतीश कुमार के बारे में हत्या के आरोप का खुलासा किया गया था। अशोक सिंह नाम युवक ने सीएम नीतीश के साथ अन्य लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। एफआईआर में आरोप लगाया है कि अशोक सिंह अपने भाई के साथ वोट डालने के लिए गए थे। इस दौरान नीतीश कुमार, बौधु यादव, योगेंद्र यादव समेत अन्य लोग हथियारों के साथ आए।
एफआईआर में बताया गया है कि सीएम नीतीश कुमार ने उनके भाई पर अचानक फायर कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई। एफआईआर में बताया गया है कि जिस वक्त यह घटना हुई तब वहां मौजूद अन्य लोग भी घायल हो गए थे। वही इस दिनों महागठबंधन टूट जाने के बाद जेडीयू और आरजेडी के बीच खासा तनातनी का माहौल देखा जा रहा है। ऐसे में साफ है कि जेडीयू पर निशाना साधने के लिए आरजेडी इस मुद्दे का भी इस्तेमाल कर सकती है।