नई दिल्ली। चंडीगढ़ में आईएएस लड़की के साथ छेड़खानी की घटना में फंसे बीजेपी नेता और हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास को लेकर अब विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। चूंकि पूरे मामले में सत्ता का रसूख के चलते पुलिसिया कार्रवाई के बाद आरोपियों को जमानत पर रिहा करने को लेकर अब प्रदेश की सियासत काफी गरम हो गई है। बीते शुक्रवार की रात को चंड़ीगढ़ की सड़कों पर जो हुआ उस पीड़िता के साथ उसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर आरोपियों पर धर दबोचा लेकिन सत्ता के रसूख के चलते धाराएं हटाई गई और आरोपी को थाने से ही जमानत पर रिहाई मिल गई।
इसके बाद पीड़िता ने इस पूरी घटना को सोशल मीडिया पर शेयर किया तो प्रदेश क्या पूरे देश में हरियाणा में भाजपा सरकार पर निशाने लगने लगे। सीएम खट्टर को अब मीडिया पर जनता के साथ विपक्ष और अब अपनी ही पार्टी के लोगों के सवालों ने घेर रखा है। विपक्ष के साथ अपनी ही पार्टी के कई नेताओं से मिल रही तीखी प्रतिक्रिया के चलते सरकार के साथ पार्टी सकते में आ गई है। हांलाकि पार्टी ने इस प्रकरण पर अपने प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे को लेकर पार्टी का रूख साफ कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने ट्वीट कर बताया है कि इस मामले में बराला के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है। वहीं इस घटना की निंदा भी की है।
क्या है पूरी घटना
ये पूरी घटना शुक्रवार की रात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी का जो कि रात करीब सवा 12 बजे अपनी कार से चंड़ीगढ़ सेक्टर 8 की मार्केट से अपने घर जा रही थी। अचानक उसको लगा कि उसकी कार का कोई पीछा कर रहा है। वो इस दौरान लगातार अपने दोस्त से बात कर रही थी। तभी उसे लगने लगा कि उसकी कार का पीछा एक एसयूवी सफेद रंग की गाड़ी कर रही है। उसे लग रहा था कि इस गाड़ी में सवार लड़के उसकी कार को टक्कर मार देंगे। वो काफी डरी थी उसने तुरंत पुलिस को फोन कर अपनी लोकेशन बताई। जल्दी ही पुलिस मौके पर आ गई थी। उसने कार सवार शराब और सत्ता के नशे में धुत्त इन बिगड़ेल रईश जादों को कार्रवाई के लिए गिरफ्तार कर लिया।
पुलिसिया कार्रवाई पर संदेह
पीड़िता का बयान लेकर एफआईआर पंजीकृत भी हुई। लेकिन जब पुलिस को पता चला कि जिसको गिरफ्तार किया है वो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला का बेटा विकास बराला है तो खेल हो गया तुरंत ही धाराएं कम की गई और आरोपी को थाने से ही जमानत पर रिहाई भी मिल गई। कानून के जानकारों की माने तो बराला के रसूख के चलते पुलिस केस को कमजोर कर गैरजमानती अपराध में धाराएं कम कर आरोपी को जमानत दे रही है। जिसके चलते केस कमजोर हो जायेगा। इस पूरे मामले में सत्ता का दबाव पुलिस पर इस कदर हावी है कि पुलिस ने इस प्रकरण में कई बार अपना बयान तक बदल डाला है। पुलिस ने पहले आरोपियों पर 354 डी और 185 मोटर व्हिकल एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन इसके बाद 341,365 और 511 को जोड़ दिया गया। लेकिन इसके बाद फिर केवल केस में 314 की ही धारा रखी गई । जब पुलिसिया कार्रवाई पर आरोप लगे तो पुलिस ने कानूनी राय के बाद अन्य धाराओं को जोड़ने की बात कही।
विरोधी पार्टी ने निशाने पर सरकार और भाजपा
बराला के लड़के के कारनामे की बात पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई है लोग बराला से इस्तीफे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गये हैं। आईएनएलडी के नेता अभय चौटाला ने तो कहा है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के परिवार ने ही खट्टर सरकार के कैंपेन बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को बड़ा धक्का पहुंचा दिया है। वहीं इस मामले में कांग्रेस ने हमला करते हुए कहा है कि भाजपा का चरित्र सबके सामने आ गया है। बराला को नैतिकता के नाते अपने पद से इस्तीफा ही नहीं बल्कि राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।
सीएम खट्टर के साथ केन्द्रीय नेतृत्व बराला का कर रहे बचाव
इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष के बचाव में बयान देकर एक बार फिर सनसनी फैला दी है। उन्होने विपक्ष की ओर से बराला के इस्तीफे की मांग के सवाल पर बोलते हुए कहा कि बेटे की गलती की सजा बाप को नहीं दी जा सकती है। वहीं केन्द्रीय नेतृत्व इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए है। हांलाकि इस प्रकरण को लेकर सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के पता चला है कि हरियाण के प्रभारी अनिज जैन ने बीजेपी महासचिव और राष्ट्रीय अध्यक्ष को फोन पर सारी जानकारी दे दी गई है।
अजस्र पीयूष