नई दिल्ली। चाइनीज मांझे से मौत या घायल होने के मामले एक के बाद एक लगातार सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में चीनी मांझे से दो बच्चों और एक युवक की दर्दनाक मौत के बाद सरकार ने कल चीनी मांझे की बिक्री,उत्पाद एवं भंडारण पर रोक लगा दी। एक ओर मृतक के परिवारजनों के आँसू नहीं रुक रहे तो वही दूसरी तरफ दिल्ली सरकार में आरोपो का दौर शुरु हो गया।
उत्तर पश्चिम दिल्ली के रानी बाग इलाके में घर लौट रही मासूम की गर्दन चीनी मांझे से कटकर अलग हो गई। घटना के वक्त चार साल की बच्ची सांची गोयल कार की छत पर बनी खिड़की से सिर बाहर निकालकर झांक रही थी। गाड़ी रेल रोड स्थित हरियाणा मैत्री भवन के पास पहुंची ही थी तभी चीनी मांझे वाली कटी पतंग उड़ते हुए सांची के गले में लिपट गई और गला काटते हुए उड़ गई। जिसके बाद माता-पिता अपनी बच्ची को पास के अस्पताल में ले गए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना मिलने पर पुलिस ने लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया।
अब तक की मिली खबर के अनुसार उपराज्यपाल ने मसौदा अधिसूचना को 8 अगस्त को ही स्वीकृति दे दी थी और उसे अगले दिन सरकार को भेज दिया था, लेकिन दिल्ली की आप सरकार ने मसौदा अधिसूचना जारी करने में देर की। वही आप सरकार ने इन आरोपो का खंडन करते हुए कहा कि पर्यावरण मंत्री इमरान ने पांच अगस्त को ही जब वह अस्पताल में भर्ती हुए थे, अधिसूचना के महत्व के मद्देनजर मांझे पर प्रतिबंध लगाने वाली फाइल पर दस्तखत कर दिया था और एलजी ऑफिस भेज दिया था।