नई दिल्ली। भारत के सबसे लंबे पुल को लेकर चीन पहले से ही परेशान है। जब से पुल बनने की शुरूआत हुई तभी से चीन की चिंता भड़ने लगी थी। चीन पुल को लेकर इतना परेशान होगा इसका अंदाज़ा किसी देश को नहीं था। चीन ने अपनी परेशानी को जाहिर करते हुए कहा कि भारत अरुणाचल प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने को लेकर सावधानी बरते और साथ ही संयम भी रखे। चीन ने बात इलसिए कही है कि दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद है और चीन का कहना है कि अरूणाचल उसका हिस्सा है और उसको लेकर उसकी चिंता स्वभाविक है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि सीमा विवाद सुलझने के पहले, विवादों को सुलझाने के लिए और बॉर्डर एरिया में शांति के लिए भारत सतर्कता बरतेगा और संयम से काम लेगा। उनका कहना है कि पूर्वी राज्य में चीन-भारत सीमा पर चीन की स्थिति बिलकुल साफ है। भारत को भी चीन की तरह सतर्कता दिखाते हुए आगे बढ़ना चाहिेए। हालांकि चीन ने पुल का सिधे तौर पर कोई जिक्र नहीं किया। लेकिन चीन ने भारत से सीमा पर विवाद को सुलझाने की कोशिश करने पर जोर दिया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते ब्रह्मपुत्र नदी पर बने भूपने हजारिका पुल का उद्घाटन किया था। यह असम के पूर्वी क्षेत्र को अरुणाचल प्रदेश से जोड़गा। इस पुल से दोनों राज्यों के बीच की दूरी 165 किमी. घटेगी और इसमें समय भी पांच घंटे कम लगेगा। यह असम में तिनसुकिया जिले के धोला और सदिया को जोड़ता है। यह वही जगह है, जहां मशहूर संगीतकार भुपेन हजारिका का जन्म हुआ था।