झोला छाप डॉक्टरों के इलाज से शहर से लेकर गांव तक मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर से लेकर गांव तक इनकी दुकानें सजी हुई हैं। मगर आलाधिकारियों के कानों में जुएं तक नहीं रेंगती। महिला हो या पुरुष हो या बच्चे ना जाने कितनों की इनके इलाज से मौत हो चुकी है। लेकिन अभी तक इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसा ही एक मामला फतेहपुर जनपद में देखने को मिला। जहां एक मासूम का इलाज कर रहे झोला छाप डॉक्टर ने लगातार 6 इंजेक्शन मासूम बच्चे के लगा दिए। जिसके चलते उसने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। इस सब के बाद आरोपी डॉक्टर मौके से फरार हो गया।
उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के हथगांव थाने कसबे के सिठौरा गांव निवासी राजकुमार का 10 वर्षीय बेटा दीपक जिसके सीने में फोड़ा था और लम्बे समय से उसका इलाज चल रहा था। एक दिन दीपक के सीने में अचानक दर्द हुआ और उसकी बढ़ती तकलीफ देख परिजनों ने आनन फानन में इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ केन्द्र इलाज के लिए रवाना हो गए। गांव के रास्ते में ही झोला छाप डॉक्टर सुखदेव प्रसाद का दवाघर पड़ा, जहां अस्पताल जाता देख सुखदेव ने आवाज देकर परिजनों को बुलाया। आरोपी डॉक्टर ने परिजनों को अच्छा इलाज करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद झोला छाप डॉक्टर ने बच्चे को दो इंजेक्शन लगाए। थोड़ी देर के बाद आरोपी डॉक्टर ने फिर दो इंजेक्शन बच्चे को लगा दिए।
जिसके बाद बच्चे को उलझन हुई तो उसने फिर दो इंजेक्शन लगा दिया। देखते ही देखते बच्चे की मौत हो गई। झोला छाप डॉक्टर को समझने में जरा भी देर नहीं लगी और उसने परिजनों से बहाना बनाते हुए कहा की इसको घर ले जाओ सब ठीक हो जाएगा। आरोपी मौका पाते ही मौके से फरार हो गया। लेकिन जब बच्चे के शरीर में कोई भी हलचल नहीं हुई तो परिजन उसे अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ऐसे में परिजनों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस ने शिकायद दर्ज करा दी है। फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है।