यूपी

मुख्य सचिव की नियुक्ति सरकार का विशेषाधिकार : उच्च न्यायालय

Allahabad Highcourt मुख्य सचिव की नियुक्ति सरकार का विशेषाधिकार : उच्च न्यायालय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन के सेवा विस्तार के खिलाफ अलग-अलग दाखिल याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर तथा पूर्व आईपीएस अफसर जुलियो रिबेरो ने इनके सेवा विस्तार को लेकर यह याचिका की थी।

Allahabad Highcourt

न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल और न्यायाधीश राकेश श्रीवास्तव की पीठ ने दोनों याची के अधिवक्ता के साथ महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह और केंद्र सरकार के अधिवक्ता सूर्यभान पांडेय की दलील सुनने के बाद इसे मुख्य रूप से पोषणीयता के आधार पर खारिज किया है। इसके साथ ही न्यायालय ने नूतन और जुलिओ रिबेरो पर 25,000 रुपये प्रति व्यक्ति का जुर्माना भी लगाया है।

न्यायालय ने कहा कि मुख्य सचिव का सेवा विस्तार पूर्णतया सेवा संबंधी मामला है जो राज्य सरकार और केंद्र सरकार से संबंधित है। यह जनहित याचिका का विषय नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इस मामले में जनहित याचिका दायर नहीं हो सकती थी, अत: नूतन ने प्रभावित पक्ष के रूप में मुकदमा किया।

Related posts

Corona Second Wave in UP: एक दिन में सबसे कम 101 मौतें, जानिए नए संक्रमितों की संख्‍या

Shailendra Singh

उत्तर प्रदेश: 15 साल पहले 18 लोग बने थे मुस्लिम, अब अपनाया हिंदू धर्म, कहा ‘सुधारी गलती’

Rahul

कोरोना ने किया अनाथ तो छात्रों को मिला लखनऊ विश्वविद्यालय का साथ

Aditya Mishra