अलकनंदा नदी में हो रहे कटाव के कारण अब बद्रीशपुरी खतरें के घेरे में आ गया है। बद्रीशपुरी के चार प्रमुक मोहल्ले इसकी जद में आ गए हैं। नदी के कटाव को रोकने के लिए तीस साल पुराने चेकडैम अब जर्जर हालत में हो गए हैं। चेकडैम की हालत को देखते हुए सिंचाई विभाग ने इसका मरम्मत का प्रस्ताव भेजा है। जिसकों लेकर प्रशासन सक्रिय होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता के अनुसार शासन को रिवाइज इस्टीमेट भेजा जाएगा।
आपको बता दें कि साल 1986 में अलकनंदा में बढ़ रहे कटाव को देखते हुए चेकडैम बनाए गए थे। वही 2013 में अलकनंदा नदी ने आपदा के दौरान विक्राल रूप धारण कर लिया जिसके बाद हालात गंभीर होते चले गए। ऐसे में हर साल नदी का कटाव बढ़ता ही जा रहा है। जिसके बाद अब ज्यादातक क्षेत्र इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता के अनुसार पिछले साल अलकनंदा नदी और बामणी नाले पर सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए धनराशि का आवंटन नहीं हो पाया था लेकिन इस बार समस्या का समाधान हो सकता है।