कोटा। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल जीएसटी के मुद्दे पर केंद्रीय राजस्व भवन में जिले के व्यापारियों, उद्यमियों व अधिकारियों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी कर प्रणाली लागू कर व्यापारियों की समस्याएं हल करने के लिए 40 मंत्रियों एवं 180 आईएएस अधिकारियों को विभिन्न राज्यों में दौरा करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं उन्होंने कहा कि ‘एक देश-एक कर’ से देश में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था चलेगी। करों में सुधार करने से समानांतर अर्थव्यस्था समाप्त होगी तथा हम आर्थिक तरक्की में तेजी से आगे बढे़गे। सरकार की मंशा व्यापारी, उपभोक्ता, निर्माण व सेवा क्षेत्र में कार्यरत लोगों को परेशान करना नहीं है। वर्तमान में पेेट्रोलियम सहित 5 उत्पाद जीएसटी से बाहर हैं, इन्हें काउंसिल में रखकर जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री से आश्वासन मिलने पर 15 दिन से बंद कपड़ा व्यापारियों ने कारोबार चालू कर दिया।
बता दें कि स्टोन व्यवसायियों ने कहा कि कोटा स्टोन पर जीएसटी तय नहीं होने से वे 5 फीसदी कर से बिल बना रहे हैं। सेंड स्टोन की रायल्टी में वैट जोड़ दिया गया है, जीएसटी भी लग रहा है। खल-चूरी एसोसिएशन ने कहा कि बिनौला की खल सीधे पशुओं को जाती है, इस पर 5 फीसदी टेक्स गलत है। दवाइयों को लेकर कई बातें क्लियर नहीं हैं। जनरल मर्चेट एसोसिएशन ने बताया कि नेटवर्किंग सही नहीं होने से व्यापारियों को दिक्कत हो रही है। कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि कोचिंग पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगने से विद्यार्थियों पर आर्थिक भार बढे़गा। अभी संस्थान प्रत्येक छात्र से 1.25 लाख रूपए कोचिंग फीस वसूल करते हैं। ठेकेदारों ने कहा कि उनके 400 ठेके जीएसटी से अटके हुए हैं। मंत्री ने कहा कि वे सभी बिंदुओं को जीएसटी की अगली काउंसिल में रखेंगे।