चंडीगढ़। कई सालों से हरियाणा और पंजाब के विवाद का कारण बनी SYL नहर का गुरूवार(20-04-17) को कोई नतीजा निकल सकता है। गुरूवार(20-04-17) को केंद्र सरकार इस मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ वार्ता कर सकती है। गौरतलब है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में में फैसला सुनाया था,लेकिन पंजाब ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया था। इस मसले पर पंजाब सरकार का कहना है कि राज्य के पास खुद पानी की कमी है तो ऐसे हालातों में वो किसी और राज्यों को पानी कैसे दे सकता है।
पंजाब सरकार की ओर से गत दिनों एक विशेष सत्र बुलाकर SYL नहर के जल समझौते को रद्द कर दिया गया है। इतना ही नहीं पंजाब सरकार ने एसवाइएल नहर के लिए अधिग्रहित जमीन किसानों को मुफ्त में लौटाने का फैसला कर दिया है। पंजाब न तो नहर बनवाने को राजी है और न ही हरियाणा के हिस्से का पानी देने को तैयार है।
पंजाब सरकार द्वारा पानी देने से इनकार करने के बाद हरियाणा सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हरियाणा सरकार की ओर से कोर्ट में कहा था कि पंजाब से उसे पानी दिलवाया जा सकें। इससे पहले हरियाणा और पंजाब के नेताओं ने एसवाईएल मामले को लेकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भी मुलाकात कर मामले का समाधान निकालने की गुहार लगा चुके हैं।
इस बीच पिछले दिनों केंद्र सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों राज्यों का बातचीत के लिए बुलाया। केंद्र सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को भी जानकरी दी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई 27 अप्रैल तक टाल दी।