देश राज्य

केंद्र जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने पर कोई हलफनामा नहीं देना चाहता

Center, special affidavit, status, Jammu Kashmir, SC

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने के मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख रखने से बचने की कोशिश की। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस मसले पर केंद्र कोई हलफनामा नहीं देना चाहती है। दो सदस्यीय चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मसले की सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय बेंच को रेफर कर दिया।

Center, special affidavit, status, Jammu Kashmir, SC
central government J&K

बता दें कि सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि ये मामला बहुत संवेदनशील है और इस पर बड़ी बहस होनी चाहिए। इसमें संवैधानिक मसले जुड़े हुए हैं| इसलिए इसे बड़ी बेंच को सुनवाई के लिए रेफर कर दिया जाना चाहिए। जिसके बाद कोर्ट ने तीन जजों की बेंच को सुनवाई के लिए रेफर कर दिया।

वहीं दिल्ली की एक एनजीओ वी द सिटिजंस ने एक जनहित याचिका दायर कर धारा 35ए को असंवैधानिक करार देने की मांग की है। ये कानून राज्य के मूल निवासियों को छोड़कर सभी भारतीयों को अचल संपत्ति खरीदने, राज्य सरकार की नौकरी पाने और राज्य में बसने से रोकता है। याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार धारा 35ए और धारा 370 की आड़ में दूसरे राज्यों के लोगों को जमीन खरीदने से रोकती है।

साथ ही इस मामले में जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार ने अपने हलफनामा में इन धाराओं का समर्थन किया है। हलफनामा में कहा गया है कि धारा 35ए भारतीय संविधान की एक स्थायी व्यवस्था है। भारत के राष्ट्रपति ने 1954 में अपने आदेश में इसकी पुष्टि की है। इसलिए इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है।

Related posts

RSS के कार्यक्रम में हर्ष फायरिंग के दौरान पत्रकार को लगी गोली

rituraj

राम मंदिर निर्माण के लिए सक्रिय विहिप,बजरंग दल में करेगा 25,000 युवाओं की भर्ती

mahesh yadav

पीएम मोदी ने राजस्व ज्ञानसंगम का किया उद्धाटन

bharatkhabar