वाराणसी। सावन माह के दूसरे सोमवार की पूर्व संन्ध्या पर रविवार को धर्म नगरी काशी में गेरुआ वस्त्रधारी कांवड़ियों का रेला उमड़ा। देश के कोने-कोने से भक्तों का कारवां श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए कड़ी धूप उमस और शहर के पथरीले उबड़ खाबड़ सड़क पर चलकर दरबार में पहुंचता रहा।
इनमें इलाहाबाद, मिर्जापुर, जौनपुर, आजमगढ़ के साथ दक्षिण भारतीय राज्यों के भी भक्त शामिल रहे। बाबा की नगरी में भक्तों की भीड़ पहुंचने से शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव भी बढ़ गया था। हर हर महादेव के गगन भेदी जयकारों के बीच बड़ी तादाद में भक्त पूरे दिन गंगा स्नान के बाद बाबा के दरबार में आस्था की अखंड जलधार बहाते रहे।
पूरा मंदिर परिक्षेत्र बोलबम और हर हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से गूंजता रहा। हजारो भक्तों के चलते सावन माह के दूसरे सोमवार की पूर्व संन्ध्या पर ही ही बाबा की नगरी बम बम हो गई। बाबा विश्वनाथ की नगरी में सावन के उत्सव का रंग और चटख हो गया है।
उधर दशाश्वमेध के शिवशक्ति कांवड़िया, तीर्थ यात्री सेवा शिविर में भी जगह नहीं बची।
चिकित्सा कैंपों में तमाम कांवड़िए अपने पांवाें के छालों का इलाज कराते नजर आए। लक्सा स्थित सिंधी धर्मशाला में लगे शिविर के उपाध्यक्ष राजेश शुक्ला ने बताया कि सड़क की पटरियों पर भी बड़ी तादाद में भक्त फुर्सत के क्षण गुजार रहे हैं। शहर के मध्य मैदागिन, जगतगंज, चेतगंज, चौक, बांसफाटक, दशाश्वमेध, लक्सा, रथयात्रा, महमूरगंज, मंडुवाडीह क्रॉसिंग, मंडुवाडीह, और बाहर राजा तालाब, औराई, भदोही कांवड़िया शिविरों में भक्तों की भीड़ डटी रही।