बगदाद। पूरी दुनिया में दहशत गर्दी फैलाने वाले संगठन आईएसआईएस की सत्ता अब खत्म हो चुकी है। क्योंकि यहां जारी सैन्य संघर्ष में इराकी सेना को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। साल 2014 में जिस मस्जिद पर ISIS के सरगना अबू बकर अल बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर कब्जा किया था उस मस्जिद पर अब इराक की सेना ने अपना कब्जा जमा लिया है। हालांकि पिछले हफ्ते ही आईएसआईएस ने इस मस्जिद पर हमला कर उसे तहस-नहस कर दिया था। जिसकी वजह से अब मस्जिद की हालत टूटी फूटी हो गई है। हालांकि इसके बावजूद इस मस्जिद पर इराकी सेना का कब्जा करना एक सांकेतिक जीत है। इराकी सेना ने एक बयान जारी किया है जिसमें उसने कहा कि इराक में आईएसआईएस का राज अब खत्म हो गया है। क्योंकि हमारी इस जीत से आईएसआईएस पर काफी बुरा असर पड़ा है।
बता दें कि सेना के ब्रिगेडियर जनरल याहा रसूल ने इराकी मीडिया से कहा कि आईएसआईएस की काल्पनिक सत्ता अब खत्म हो गई है। जब पिछले हफ्ते आतंकियों को ये लगने लगा कि इराक की सेना और अमेरिकी गठबंधन एक साथ उनकी तरफ बढ़ रही है और उनको रोकना मुश्किल हो गया है। तो आतंकियों ने मस्जिद में धमाका कर दिया और मस्जिद को नुकसान पहुंचाया। अल नूरी मस्जिद पर साल 2012 से ही आतंकियों का काला झंडा फहरा रहा है। 2014 में इराक की सेना को बाहर निकालने के बाद आईएसआईस ने मोसुल को अपनी राजधानी घोषित कर दिया था और साथ ही अबू बकर अल बगदादी ने खुद को मु्स्लिमों का नया खलीफा भी बताया था। उसके बाद से आतंक की ताकत और आईएसआईएस का कद बढ़ता गया और धीरे धीरे इराक के एक तिहाई हिस्से पर आतंक का कब्जा होता गया। आईएस का प्रभाव इराक से बढ़कर सीरिया तक पहुंच गया और रक्का भी उसका मजबूत गढ़ बन गया।
साथ ही लेफिनेंट जनरल अब्दुल वहाब अल सादी ने मीडिया को बताते हुए कहा कि इराक सेना और आंकियों के बीच घुस और कुछ देर चले संघर्ष के बाद इराकी सेना ने मस्जिद पर अपना कब्जा जमा लिया। आतंकियों की खास बात है कि वो जब भी किसी जगह से पीछे हटता है तो वहां सुरंग और बारूद लगा देता है जिसके चलते इराकी सेना सुरंग और बारूद का पती लगा रही है। हालांकि मेसुल के पुराने हिस्से में अभी भी 300 आतंकियो के साथ लड़ाई जारी है। जनरल का कहना है कि हमें उम्मीद है कि कुछ दिनों बेद ये आखिरी मोर्चा भी जीत लंगे।
हालांकि इराक को ये जीत काफी मंहगी पड़ी। आईएसआईएस से इस सैन्य कार्रवाई में हजारों बेगुनाहों को अपनी जान गवानी पड़ी और न जाने कितने बेगुनहा लोगों को बेघर होना पड़ा। शहर का आधे से ज्यादा हिसा मलबे में दब गया है और जहां तहां बिखरी हुई लाशे तेज धूप और गर्मी में सढ़ रही हैं और हवाओं में इसकी बदबू फैली हुई है। कुछ दिन पहले यही मोसुल 15 लाख लोगों की आबादी से सजा हुआ था। सीमा से सटी सिरिया की सीमा से आतंकी रक्का जाने की फिराक में है। लेकिन अमेरिका के समर्थन से लड़ रही कुर्दिश सेना यहां भी उसके लिए रुकावट बनी हुई है। पिछले दिनों से आतंकी संगठन केंद्रीय एशिया में अपना कब्जा जमाने की फिराक में लगा हुआ है।