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अलविदा 2017- लोगों को पसंद आई सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में

akki 1 अलविदा 2017- लोगों को पसंद आई सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में

मुंबई। बॉलीवुड फिल्मों में ज्यादातर मसाला होता है। इसमें इमोशन, ड्रामा,कॉमेडी और ट्रेजेडी होती है क्योंकि दर्शकों को ऐसी फिल्में पसंद की जाती है। दर्शक समाज के मुद्दे पर बहस को टीवी चैनल पर डिबेट के रुप में देखना पसंद करता है, लेकिन फिल्मों में अगर ऐसे मुद्दे पर कोई फिल्म बनी हो तो जल्दी लोगों को पसंद नहीं आती। छोटे बजट पर ये फिल्में बनती हैं, नए चेहरे के लोग इस पर काम करते हैं और फिल्म आलोचकों को पसंद आती है और एक महीने में रिलीज होकर पर्दे से नीचे उतर जाती है।

साल 2017 में फिल्मों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। समाजिक मुद्दों पर फिल्में ना सिर्फ बनी बल्कि चली भीं और चलते-चलते लोगों के दिलों को छू गईं। फिल्म में ऐसे मुद्दे बहुत कम ही उठते हैं जहां समाज को आईना दिखाया जाए। ऐसी फिल्मों को दर्शक अक्सर पसंद नहीं करते क्योंकि इनकी स्टोरीलाइन या तो हद से ज्यादा सीरियस होती है या इसमें कोई बड़ा कलाकार नहीं होता है। इस साल ऐसे मुद्दों पर फिल्मों में बड़े कलाकारों ने काम भी किया और फिल्म सुपरहिट हुई।

 

akki 1 अलविदा 2017- लोगों को पसंद आई सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में

हमारे पीएम मोदी पूरे जुगत में लगे हुएं हैं लोग खुले में शौच ना जाएं। ऐसे में उन्होंने कई बड़े फिल्मी हस्तियों को इस कैंपने में शामिल कर लिया। इसमें अमिताभ बच्चन, विद्या बालन, अनुष्का शर्मा जैसे सितारे शामिल हैं। इस, मुद्दे को लेकर अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म आई टॉयलेट एक प्रेम कथा। ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित थी जहां लड़की ने शादी के बाद अपना ससुराल इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि उसके ससुराल में टॉयलेट नहीं था।

इस फिल्म का जब ट्रेलर रिलीज हुआ तो बहुत पसंद किया गया। फिल्म में अक्षय कुमार की एक्टिंग को बहुत पसंद किया गया। ऐसे टॉपिक पर फिल्म बनाना जिसे देखकर जनता हंसे भी और बात को समझे भी बहुत कम ही होता है। फिल्म रिलीज से पहले अक्षय कुमार पीएम मोदी से मिले और फिल्म रिलीज होने के बाद इसे सुपरहिट करार दिया गया।

अक्षय ने कहा कि सालों से लोग घर में शौचालय न होने की वजह से खुले में शौच के लिए जाते हैं और इससे बिमारियां फैलती हैं। हर साल 2 लाख से ज्यादा बच्चे संक्रमण के कारण मर जाते हैं। वहीं महिलाएं बलात्कार जैसे हादसों का शिकार भी हो जाती हैं।

नोरंजन के बहाने से बॉलीवुड की कई आने वाली फिल्में सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार कर रही हैं। इस फिल्म को पसंद करके दर्शकों ने ये जता दिया कि उन्हें सामाजिक मुद्दे की फिल्मों से कोई ऐतराज नहीं है। बशर्ते फिल्म में कहानी दमदार हो और एक्टिंग जानदार।

अगर खुले में शौच जाना बंद हो जाए तो बलात्कार की घटनाएं 30 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं। मैं ऐसी कुछ औरतों से भी मिला हूं जिनके पास खुले में शौच करने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। इस कारण उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। भारत में 54 प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय नहीं है।

इस फिल्म की सबसे खास बात ये है कि इसमें इतने गंभीर विषय को भी बड़े ही हल्के-फुल्के अंदाज में प्रस्तुत किया गया है, जो बेहद मुश्किल काम है। बहुत ही कम फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं जो इस प्रकार के विषय पर इस तरह की फिल्म बनाते हैं।

अब अक्षय एक और फिल्म पैडवाला लेकर आ रहें हैं जिसमें औरतों के मासिक धर्म और उससे जुड़ी तकलीफों के बारे में फिल्मों को दिखाया गया है। इस फिल्म में अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर होंगे। ट्रेलर से इस फिल्म को काफी पसंद किया जा रहा है।

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