उत्तर प्रदेश। फतेहपुर जिले के थाना हथगांव के मऊपारा निवासी दिनेश चंद्र जो की उड़ीसा में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते है। उनका का बेटा उमेश चन्द्र जो लम्बे समय से दिमागी बीमारी का शिकार था।एक लम्बे समय से इसके दिमाग का इलाज चल रहा था। लेकिन इलाज से कोई फायदा नहीं मिला। दिमागी हालत ठीक न होने के कारण इसके पहले भी कई बार उमेश आत्महत्या करने की कोशिश कर चुका लेकिन वो हर बार बच जाता था। तीनों भाइयो में मृतक उमेश सब से बड़ा था।
बृहस्पतिवार को घर पर सवेरे से ही तरह तरह की हरकत कर रहा था लेकिन घर वालो ने कोई ध्यान नही दिया क्योंकि रोज ही वह इस तरह की हरकत करता था।आज उसने पहले मोबाईल तोड़ा फिर छत पर जा कर लकड़ी इकठ्ठा किया। माँ ने निचे बुलाया और उससे मिट्टी का तेल राशन की दूकान से लाने को कहा।तेल लेकर आने के बाद घर के बरामदे में बिछे तखत के नीचे उसने रख दिया। घर के लोग काम काज में लग गए। माँ आराम करने लगी। तभी मोके का फायदा उठा कर तेल की पिपया लेकर छत पर चला गया। छत पर बने कमरे का दरवाजा बंद करके अपने ऊपर मिटटी का तेल दाल कर आग लगा लिया।
देखते ही देखते आग के गोले में तब्दील हो गया। तभी पडोसियों की नजर पड़ी और उसको किसी तरह बचाने की कोशिश की गयी दरवाजा तोड़ कर उसको कमरे से बाहर निकाला और फिर नजदीकी स्वास्थ केंद्र में उपचार के लिए भेजा गया। हालत नाजुक देख। जिला अस्पताल के लिए डाक्टरों ने रेफर कर दिया। वही जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।