मेरठ। जनपद में खाद्यान्न घोटाले का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई मंगलवार को डीएसओ कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं। यह धरना अनिश्चितकालीन के लिए जारी है। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि जब तक कोई अधिकारी आकर संतोषजनक आश्वासन नहीं देगा तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे। दरअसल मेरठ में खाद्य घोटाले का खुलासा लक्ष्मीकांत वाजपेई ने किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए एसआईटी जांच गठित कर दी थी।
धरने पर बैठे लक्ष्मीकांत वाजपेई की माने तो एसआईटी के अधिकारी पिछले 8 सितंबर से लगातार जिला आपूर्ति विभाग से घोटाले से जुड़े कागजात मांग रहे हैं। लेकिन विभाग अनदेखी करते हुए कागज देने को तैयार नहीं है। एक सप्ताह पहले लक्ष्मीकांत वाजपेई ने अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए धरने की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद मंगलवार को वह धरने पर बैठ गए। हालांकि जिला आपूर्ति कार्यालय में कोई भी अधिकारी और कर्मचारी नहीं दिखा और कार्यालय पर भाजपाइयों का कब्जा हो गया। उधर अधिकारियों की मानें तो तहसील दिवस के कारण अधिकारी कार्यालय में नहीं हैं। वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई इसे समाजवादी सरकार का सबसे बड़ा घोटाला कह रहे हैं। उनकी मानें तो 21 अरब का यह घोटाला है, इसमें जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।