पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता को लेख इन दिनों खासा चर्चा में बना हुआ है। ऐसे में वह पहली बार मीडिया के सामने आए हैं। उन्होंने कहा है कि एनपीए में 8 लाख करोड़ रुपए फंसा हुआ है और देश की अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट दर्ज की गई है। बैंक भी फंस गए हैं जिस कारण बैंक से कर्ज मिलना बंद हो गया है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था बिगड़ी और नोटबंदी के बाद जीएसटी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि वह जीएसटी के पक्षधर हैं लेकिन इसे काफी जल्दी लागू किया गया है। उनके हिसाब से जीएसटी को एक जुलाई से नहीं एक अप्रैल से लागू करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार इस वक्त कन्फ्यूजन की स्थिति में है ऐसे में कल्याण योजनाओं के अलावा भी और काफी सारे सुधार करने की आवश्यकता है। और अब सरकार को एनपीए को लेकर भी बड़ा फैसला लेना चाहिए। यशवंत सिन्हा ने कहा कि 40 महीने बाद भी किसी को दोष नहीं दिया जा सकता है।
यशवंत सिन्हा के जवाब में जयंत सिन्हा ने कहा है कि बीजेपी मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी है जोकि लंबे वक्त तथा न्यू इंडिया को काफी फायदा देने वाली है। जयंत सिन्हा ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर कई सारे लेख लिखे गए हैं लेकिन अभी स्थिति ऐसी है जब हमें एक-दो क्वार्टर डाटा पर ध्यान देने के बजाए संरचनात्मक सुधार पर ध्यान देना चाहिए। जयंत सिन्हा के अनुसार सरकार के बदलाव न्यू इंडिया के लिए काफी फायदेमंद साबित होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि नई इकोनॉमी तैयार होने से कई युवाओं को नौकरियां मिलेगी। उनके अनुसार नोटबंदी और जीएसटी को बढ़ावा देना गेमचेंजिंग की तरह है।
आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है और अब उनकी सरकार के वित्त मंत्री सभी देशवासियों को गरीबी काफी करीब से दिखाने में लगे हुए हैं। जिस तरह विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हो रखा है उसी तरह बीजेपी के दिग्गज नेता ने कहा कि आज ऐसा वक्त आ गया है कि युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है और विकास के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है।