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राम के सम्मान में भाजपा फिर एक बार मैदान में !

ram mundir 1 राम के सम्मान में भाजपा फिर एक बार मैदान में !

नई दिल्ली। सूबे में चुनावी समर की रणभेरी बज चुकी है। हर पार्टी अपने तरीकों से जनता को लुभाने और रिझाने की कोशिश कर रही है। बयानबाजी वादों के दौर फिर एक बार सूबे के फिजा में तैरने लगे हैं। देश के सबसे बड़े दल के तौर पर केन्द्र में शासन कर रही भाजपा ने इसी वादों में एक बार फिर राममंदिर निर्माण का मुद्दा और वादा किया है। ये बात सूबे में पार्टी के मुखिया केशव मौर्य ने कही है। एक बार फिर भाजपा राम के सहारे अपना चुनावी रण साधने की कोशिश करती दिख रही है।

फिर रामलला की आई याद

सूबे में भाजपा अपने प्रत्याशियों के चयन के बाद अपने ही खेमे के अन्दर उठे विवाद से निपटने के बजाय अपने घोषित प्रत्याशियों के लिए गर्म मुद्दे को देने में लगी है। भाजपा किसी भी कीमत पर ये रम जीतने की हर कोशिश में लगी हुई है। 11 फरवरी से इस महारण की आहुतियां दी जानी है। इसके पहले भाजपा एक बार फिर राममंदिर निर्माण करने का मुद्दा लेकर सामने आई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य ने बयान देते हुए कहा कि अगर भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार आती है तो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। हांलाकि केशव मौर्य ने सूबे में भाजपा को विकास के मुद्दे पर चुनाव में जाने की बात प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालते वक्त कही थी। लेकिन अब भाजपा हर उस मुद्दे को भुनाना चाहती है जिससे उसका सत्ता का स्वार्थ सिद्ध हो सकते है। हांलाकि अब केशव मौर्य ने मीडिया में लगातार खबरें चलने के बाद अपने बयान से पलटते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

ram mundir 1 राम के सम्मान में भाजपा फिर एक बार मैदान में !

ठीक है अगर केशव मौर्य का बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया तो उधर भाजपा के फायरब्रांड नेता विनय कटियार ने भी राममंदिर को लेकर एक बार फिर बयानबाजी करते हुए कहा है कि हाईकोर्ट ने हमारे हक में फैसला दिया है और सुप्रीम कोर्ट भी हमारे हक में फैसला देगा अगर फैसले में देर लगी तो संसद में बिल पास कराकर राममंदिर का निर्माण कराया जायेगा। इसके लिए जल्द ही एक बड़ा आंदोलन होगा।

एक बार फिर आखिर चुनावी मौसम में भाजपा को राम याद आ ही गये हैं। भाजपा और अयोध्या राममंदिर ये एक बड़े मुद्दे है। जिनको भाजपा केवल सत्ता तक पहुंचे के लिए भुनाती रही है। जिसको लेकर अक्सर राजनीतिक दल भाजपा पर निशाना साधते रहते हैं। जानकारी देते चले इसके पहले भाजपा जब सत्ता में आई थी तो राममंदिर मुद्दा था फिर बाहर हो गया । फिर राममंदिर के निर्माण की बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के पहले फैजाबाद में हुई रैली में भी कही थी। लेकिन ढाक के तीन पात ही रह गया वो वादा।

रामजन्मभूमि आदोलंन से जुडे लोगों की है राय

इस बारे में जब अयोध्या के राममंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों से भाजपा के बारे में और राममंदिर को लेकर सवाल किए गये तो वो अपनी बेवाक राय रखने से नहीं चूके। 90 के दशक में विहिप की फायरब्रांड नेता के तौर पर रामजन्मभूमि आंदोलन से बड़ी भूमिका में रहीं रामायणी डॉ ओम श्री भारती से जब भाजपा और राममंदिर पर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि राम मंदिर का मुद्दा और विकास दोनो साथ चुनाव मे हर बार उठाकर भाजपा अपनी छवि सुधारने का प्रयास करती है, पर पीएम नरेन्द्र मोदी आज तक तम्बू में राम और पहरे में जन्म भूमि का दर्शन करने नही पहुँचे और अच्छे दिन भी आने का प्रश्न ही खोगया है। अब भाजपा के पास कोई नया राग नही बचा तो पुराने रिकॉर्ड बजा रही है पर ये जनता है सब जानती है । मोदी जी के विकास को पहचानती है । अब जो जन मन की बात करेगा । वही देश मे राज करेगा ।

इसके साथ ही रामजन्भूमि के मुख्य अर्चक महान्त सतेन्द्र दास का भी कहना कुछ ऐसा ही है। उनका कहना था कि अयोध्या और रामलला दोनों ही मुद्दे भाजपा को सत्ता में आने के लिए सबसे आसान नजर आते हैं। राम मंदिर निमार्ण की बात अब भाजपा के मुंह से सुनकर केवल हंसी ही आती है। क्योंकि भाजपा ने लगातार मंदिर के निर्माण का केवल वादा ही किया है। लेकिन पूरा करने के समय वो अपने वादों से मुकरती है। आखिर इस वजह से अब जनता भाजपा से दूर होती जा रही है। भाजपा ने अयोध्या और राममंदिर के लिए कभी कुछ नहीं किया और आगे आने वाले समय में ये केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करेंगे बस।

विपक्ष भी एक बार साध रहा है निशाना

इस बारे में जब विपक्षी दलों से सवाल पूछा गया आखिर चुनाव पर राम क्यूं याद आते हैं भाजपा को तो कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने साफतौर पर कहा कि राम आस्था के विषय हैं। लेकिन भाजपा राम का सौदा करती है। राम के नाम को बेचकर जनता को गुमराह करने का काम करती है। अब मोदी जी के पास कोई मुद्दा तो बचा नहीं हैं। जनता मोदी से अब उब चुकी है। तो फिर ये राम की शरण में जा रहे हैं। क्योंकि अब इनका बेड़ा राम के सहारे ही पार हो तो हो जनता ने डुबा दिया है। भाजपा सांप्रदायिकता की जननी है, ये विकास की बातें और सामाजिक मुद्दों को पीछे रख धर्म की राजनीत करते हैं। अब इनका कोई सिद्धान्त नहीं है। पार्टी में दूसरे दलों की गंदगी को भर लिया है। अब भाजपा का अपराधिकरण हो चुका है।

सूबे का चुनावी रण सज चुका एक बार फिर राम को लेकर सियासी जंग जारी है। लेकिन राम का सहारे किसी नैया पार लगाएगा ये तो चुनावी नतीजों पर टिका है। बस नाम को लेकर माहौल में सियासी गरमाहट का दौर चल रहा है।

Piyush Shukla राम के सम्मान में भाजपा फिर एक बार मैदान में !अजस्रपीयूष

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