नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने विधानसभा के सत्रों को भागों में बुलाये जाने को उपराज्यपाल के अधिकारों का हनन बताया है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार विधानसभा के सत्र को भागों में बुलाकर संसद द्वारा पारित बिल में उपराज्यपाल को दी गई शक्तियों एवं अधिकारों को हड़पने की कोशिश कर रही है। ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1991’ के अंतर्गत राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने और सत्रावसान के अधिकार दिए गए हैं।
बता दें कि गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का 8 अगस्त से प्रारम्भ होने वाला विधानसभा के पांचवें सत्र का पांचवां भाग इसका स्पष्ट उल्लंघन होगा। केजरीवाल सरकार द्वारा शुरू की गई यह नई परम्परा उपराज्यपाल के प्रति उनके अनादर को दर्शाती है। मुख्यमंत्री, कैबिनेट और विधानसभा अध्यक्ष को उपराज्यपाल के अधिकारों का सम्मान करते हुए इस परंपरा को बंद करना चाहिए।
वहीं विपक्ष के नेता ने स्पष्ट किया कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1991 के अनुछेद 6 के अनुसार उपराज्यपाल समय-समय पर विधानसभा को ऐसे समय और स्थान पर जो वह ठीक समझें सत्र बुलाने के लिए कहेंगे किन्तु उसके एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अन्तर नहीं होगा। उपराज्यपाल समय-समय पर विधानसभा का सत्रावसान भी कर सकेंगे।
साथ ही गुप्ता ने कहा कि विधानसभा के 23 साल के कार्यकाल में कभी भी किसी भी सत्र को विभिन्न भागों में बांटकर इतने लम्बे समय तक नहीं चलाया गया। आज तक विधानसभा के सत्र को अधिक से अधिक एक अतिरिक्त भाग के लिए विस्तारित किया गया। परन्तु आम आदमी पार्टी सरकार मनमाने ढंग से सभी कायदे कानून तोड़-मरोड़कर विधानसभा सत्र चलाती आ रही है।