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जन्मदिन विशेषः आखिरी सांस तक फिल्मों के ही रह गए राज कपूर

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मुंबई। हिंदी सिनेमा के शो मैन लीजेंड अभिनेता, निर्देशक और निर्माता राज कपूर की सालगिरह है। 10 साल की उम्र से ही अपना फिल्मी करियर शुरु करने वाले राज कपूर आखिरी दम तक फिल्मों से ही जुड़े रहे। फिल्मों पर राज करने वाले लेजेंडरी एक्टर के बारे में जानते हैं कुछ खास बातें।

राजकपूर का असली जन्मस्थान पेशावर में है जो इस वक्त पाकिस्तान में है। राजकपूर के पिता पृथ्वी राज कपूर एक फेमस थियेटर आर्टिस्ट थे। राज कपूर को अभिनय विरासत में मिला। राज कपूर के दोनो भाई शशि कपूर और शम्मी कपूर फिल्मों में सुपरहिट हुए। राज कपूर को यूं तो इतने बड़े परिवार का बेटा होने के नाते कहीं भी आसानी से काम मिल जाता, लेकिन उनकेो पिता ने उन्हें खुद के बल पर काम करने की नसीहत दी। राज कपूर ने अपने करियर की शुरुआत क्लैपर ब्वॉय के तौर पर की थी।

 

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राज कपूर 60 के दशक में नर्गिस के साथ सबसे बेस्ट जोड़ी के तौर पर उभरे। रील लाइफ में प्यार हुआ इकरार हुआ गाने वाले दोनों जोड़ी एक दूसरे से प्यार करने लगी थी। यहां तक की दोनों ने शादी का मन भी बना लिया था। कुछ वक्त बाद किसी गलतफहमी के चलते दोनों के बीच दूरियां आ गईं।भारत सरकार ने राज कपूर को सिनेमा में उनके विशेष योगदान को देखते हुए उन्हें 1971 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मनित किया। वहीं, साल 1987 में उन्हें सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ भी दिया गया।

बता दें कि सिर्फ एक्टिंग ही नहीं डायरेक्शन के लिए भी राज कपूर ने कई अवार्ड जीते। 1965 में ‘संगम’, 1970 में ‘मेरा नाम जोकर’ और 1983 में ‘प्रेम रोग’ के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर का फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला।फिल्मों के दीवाने राज कपूर को एक अवार्ड शो के दौरान दिल का दौरा पड़ा और एक महीने बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

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