नई दिल्ली। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज 82 साल के हो गए हैं। पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में जन्में प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। बता दें कि इसी साल जुलाई में उनका राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म हुआ था। प्रणब मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में पद से रिटायर हुए है और उनकी पत्नी का निधन साल 2015 में हो चुका है। प्रणब दा ने जुलाई 2012 में देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। प्रणब दा की पत्नी ने एक बार अपने जीवन से जुड़े पहलूओं के बारे में बताते हुए कहा था कि वो प्यार का ज्यादा इजहार नहीं करते थे। वो और उनकी पत्नी बस एक दूसरे को खामोशी भरी निगाहों से ही देखते रहते थे।
उन्होंने बताय था कि उनकी एक आदत थी की वो रोज सुबह नहाने के बाद मेरे सिर पर हाथ रखते थे और कुछ मंत्र पढ़ते थे। उनका प्यार जताने का ये तरीका था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी 55 साल की शादीशुदा जिंदगी में कभी-भी मेरा साथ झगड़ा नहीं किया। उनकी पत्नी सुव्रा मुखर्जी बांग्लादेश के नरेल की रहनेवाली थीं। जब वो 10 साल की थीं, तब उनकी फैमिली नरेल से माइग्रेट होकर कोलकाता आ गई थी। ऑथर संगीता घोष ने प्रणब मुखर्जी की वाइफ पर एक किताब लिखी है, जो इसी साल जुलाई में पब्लिश हुई। प्रणब प्रेयसी’ नाम की इस बुक में सुव्रा और प्रणब मुखर्जी से जुड़े किस्से और फैक्ट्स को लिखा गया है।
अपने चालिस साल के राजनीति जीवन में उन्होंने कभी किसी के साथ कोई बैर नहीं रखा। कांग्रेस नेता होने के बावजूद उन्होंने पीएम मोदी के साथ बड़ी ही सहजता के साथ तीन साल तक काम किया। हालांकि कि कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने अपने राष्ट्रपति काल में कुछ खास नहीं किया, लेकिन दूसरे दल का होने के बावजूद पीएम मोदी के साथ सहजता बनाए रखना ही उनका सबसे बड़ा काम रहा। दो विरोधी विचारधाराओं की सरकारों और प्रधानमंत्रियों के साथ बिना हिचकोले के काम करना भी देश को आगे बढ़ाने में मदद करता है। बताते चलें कि उनके पास ऐसे कई मौके आए थे जब वो मोदी सरकार को परेशानी में डाल सकते थे और खुद लाइमलाईट में आ सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने के बजाए हमेश सहजता से काम लिया।