नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाद इरफान पठान का आज 33वां जन्मदिन है। पठान का जन्म 27 अक्टूबर 1984 को गुजरात के वडोदरा में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत बडौदा की तरफ से रणजी ट्राफी में खेलकर की थी। पठान के गेंदबाजी और बल्लेबाजी को देखकर लोग कहने लगे थे कि ये लड़का अगला वसीम अकरम है। पठान ने जो कमाल अपनी गेंदबाजी से दिखाया वहीं कमाल अपनी बल्लेबाजी से भी दिखाया।
अपनी रफ्तार और स्विंग के मेल से पठान ने दुनिया को चौंका दिया था। इन सबके अलावा भी एक ऐसा मौका है,जिसके लिए इरफान को हमेशा याद रखा जाएगा और वो है पाकिस्तान के कराची में साल 2006 में खेला गया टेस्ट मैच। इस मैच में इरफान ने पहले ओवर में ही हैट्रिक लगाते हुए पाकिस्तान के तीन विकेट झटके थे। दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच कराची में खेला जा रहा था, पहले दोनों मैच ड्रा होने के बाद सबकी नजर इस मैच के नतीजे पर थी, लेकिन इरफान ने पहले ओवर में ही तीन विकेट लेकर पूरे मैच को भारत के पक्ष में कर लिया था, लेकिन इसके बावजूद भी भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा।
इस मैच में उस समय के कप्तान सौरभ गांगुली ने इरफान को नई गेंद थमाई थी और सामने स्ट्राइक पर थे पाकिस्तान के धाकड़ बल्लेबाज सलमान भट्ट। इरफान की पहली तीन गेदों पर कोई भी रन नहीं बना। इसके बाद उन्होंने जब चौथी गेंद फेंकी तो गेंद बाए हाथ के बल्लेबाज को छोड़कर बाहर जा रही थी। गेंद भट्ट के बल्ले का किनारा लेते हुए पीछे की तरफ चली गई,जहां खड़े राहुल द्रविड़ ने उसे लपक लिया और भट्ट को पवेलियन लौटना पड़ा। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए यूनुस खान। इरफान ने बॉल करवाई उस बॉल को यूनुस ने गलत लाइन पर खेला और बॉल उनके पैड से टकरा गई और वो एलबीडब्ल्यू के नियम से ऑउट हो गए।
भट्ट और यूनुस को अपना शिकार बनाने के बाद पठान ने मोहम्मद यूसुफ को अपना शिकार बनाया। पठान ने अपनी तीसरी और निर्णयक गेंद फेंकी , युसुफ को समझ नहीं आया की वो क्या करे और इसी हड़बडहाट में गेंद उनके स्टंप्स से टकरा गई और यूसुफ भी ऑउट होकर पवेलियन लौट गए। इरफान पठान, हरभजन सिंह के बाद टेस्ट क्रिकेट में भारत के दूसरे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीन बॉलों पर तीन खिलाड़ियों को ऑउट कर दिया। इसके बावजूद कामरान अकमल की पारी के दम पर पाकिस्तान अपनी स्थिति मजबूत करने में कामयाब रहा। पाकिस्तान ने अपनी पारी में 599/7 का स्कोर बनाया। भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा और आखिरकार वह सीरीज 0-1 से हार गया।