नई दिल्ली। माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है। इस शब्द का अर्थ होता है बहाव। लेकिन ये बहाव किसी पानी का नहीं बल्कि ज्ञान और कला का होता है। बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन किया जाता है और इस बार मां सरस्वतीस का पूजन आने वाले एक फरवरी को होगा। ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन मां सरस्वती का प्रकट हुई थी।
पुराणों में माता सरस्वती के प्रकट होने से संबंधित कई तरह की घटनाएं प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि माघ मास की गुष्त नवरात्रि के मध्य पंचमी तिथि को ब्रह्माजी के द्वारा पत्तों पर जल छिड़कने से देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। वसंत पंचमी के दिन ही मातास ने अपनी वीणा से वाणी प्रदान की तभी से बसंत पंचमी को अनेक नामों से जाना जाता है जिनमें सरस्वती जयंती और श्री पंचमी और बसंत पंचमी नाम से भी जाना जाने लगा।
कहा जाता है ये दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए काफी अच्छा होता है और इस दिन किसी भी कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती।