पटना। उत्तर प्रदेश में चंद महीनों में होने वाले विधान सभा चुनावों पर जदयू की नजर लगी हुई है। चूंकि अगर जदयू को 2019 की लड़ाई में भाजपा को बराबर की टक्कर देनी होगी तो यूपी की राजनीति में अपनी पकड़ को ज्यादा मजबूत करना होगा। अधर मुलायम से मन मोह ना पाकर रालोद ने नीतीश और बीएस4 के साथ महागठबंधन बनाकर यूपी के चुनावी समर में उतरने का मन बनाना शुरू कर दिया है।
इस गठबंधन के बाद अब नीतीश कुमार बिहार में यूपी के अतिपिछड़ों को रिझाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों पर सरकार काम कर रही है। नीतीश सरकार अब यूपी के अति पिछड़ों को अपने खेमे लाकर उन्हें गोलबंद कर यूपी के चुनावी समर में कूदने वाली है। चुनाव में रालोद और बीएस4 के साथ तालमेल के साथ जदयू वोटरों के बिहार में अतिपिछड़ों के लिए शुरू की गई योजनाओं की तर्ज पर यूपी में भी कोई सगूफा छोड़ सकती है।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि यादवों को छोड़कर आज तक किसी अन्य पिछड़ा वर्ग को यूपी में कोई परियोजना या योजना के तहत लाभ नहीं दिया गया है। इसीलिए हम इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बिहार की तर्ज पर यूपी में नीति निरधारण को लेकर चुनावी ताल ठोंकेगे। इसके लिए पार्टी और संगठन एक योदना बद्ध तरीके से लगा हुआ है।