पटना। उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का कहर बरपा रहा है, जिसका सबसे ज्यादा शिकार बिहार को होना पड़ा है। बिहार में ठंड की चपेट में आने से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 24 घंटे के अंदर ही 10 लोगों की मौत हो गई है। वहीं शीतलहरों के कारण लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं। यहीं नहीं शीतलहर का असर सिर्फ सुबह और रात में ही नहीं बल्कि दोपहर के समय में भी देखा जा रहा है। मिली जानाकारी के मुताबिक पटना और मुजफ्फरपुर सहित राज्य के कई हिस्सों में दिन का तापमान सर्द माने जाने वाले शहरों शिमला, जम्मू, कानपुर, नैनीताल, दिल्ली और देहरादून से थोड़ा कम ही रहा है।
शीत हवा के कारण दिन में भी कनकनी बढ़ी। ठंड बढ़ने से राज्य के कई हिस्सों में जन-जीवन प्रभावित रहा। लोग घरों में दुबके रहे। निकले भी तो गर्म कपड़ों में पूरी तरह ढंक कर। उधर, पटना के दुल्हिन बाजार में कोल्ड डायरिया की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गई है। ठंड का प्रकोप झेल रहे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सबसे ज्यादा असर उत्तर बिहार में देखा जा रहा है। घने कोहरे के चलते यातायात भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार पटना में इस समय सामान्य अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए था, लेकिन 17.4 डिग्री होने के कारण गलन का अहसास रहा। न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस रहा। शून्य विजिबिलिटी और हवा में नमी की मात्रा 93 प्रतिशत होने के कारण हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है।
पटना मौसम विभाग केंद्र केनिदेश शुभेंद्र सेन गुप्ता का कहना है कि शनिवार और रविवार को धूप निकलने की संभावना नहीं है और आगे भी पूरा प्रदेश कोहरे से प्रभावित रहेगा। इस वर्ष दिसंबर में पहली बार अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया गया। पिछले सात वर्षों में 2012 और 2014 में 29 दिसंबर को कोल्ड-डे की स्थिति थी। 2012 में न्यूनतम तापमान 07 डिग्री और अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस था। 2014 में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और अधिकतम 16 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। घने कोहरे से ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया है। रेल पटरियां तक नजर नहीं आ रही हैं। शुक्रवार को कोहरे के कारण फरक्का एक्सप्रेस भी रद कर दी गई।