लखनऊ। सूबे की योगी सरकार ने प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए कई प्रयासों के साथ सूबे में बिना बाधा शहरी और ग्रामीण इलाकों में विद्युत की बेहतर सप्लाई के निर्देश जारी कर दिये हैं। लेकिन अब राज्य में मौजूद विद्युत यूनिटों के उत्पादन ठप होने के चलते आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में विद्युत व्यवस्था का ढांचा ढह सकता है।
हांलाकि राज्य की योगी सरकार विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केन्द्र सरकार से मदद ले रही है। लेकिन आने वाले दिनों में राज्य में होने वाले विद्युत संकट का असर सूबे के ग्रामीण इलाकों में पड़ना तय है। फिलहाल आने वाली मुसीबत से निपटने के लिए और शहरी इलाकों में विद्युत व्यवस्था बहाल रखने के लिए सरकार एनर्जी एक्सचेंज और दूसरे राज्यों से करीब 2000 मेगावाट बिजली खरीदकर हालात संभालने की कोशिश कर रही है।
सूत्रों की माने तो राज्य में ललितपुर बिजली घर की 660 मेगावाट, अनपरा की 600 मेगावाट, लैंको की 600 मेगावाट और बारा की 660 मेगावाट की बिजली यूनिटें ठप्प हो गई हैं। अब इनके ठप्प होने से सूबे में बड़ा विद्युत संकट खड़ा होने का खतरा हो गया है। आनन-फानन में इससे निपटने के लिए सूबे में अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है।