नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने में हो रही देरी को देखते हुए सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। सोनिया गांधी के इसी हमले का जवाब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने बड़ी ही बेबाकी से दिया। बीजेपी के दोनों ही नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के अंदर संसद के प्रति इतनी आस्था कब से जग गई। अगले महीने कांग्रेस की कमान अपने हाथों में लेने जा रहे राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए दोनों नेताओं ने कांग्रेस की जमकर बखिया उधेड़ी। दोनों नेताओं ने साझा बयान में कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति इतने सालों में कभी-भी अच्छी नहीं रही।
गुजरात के राजकोट में जेटली और भुपेंद्र ने साझा बयान जारी करते हुए सोनिया गांधी के आरोप का जवाब दिया। जेटली ने कहा कि चुनाव के वक्त में संसद का सत्र पहले भी टलता रहा है। वहीं भूपेंद्र ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि साल 1981, 1990, 1993, 2011 में कई बार संसद का सत्र बाधित हुआ है। उन्होंने कहा कि 1990 में तो शीतकालीन सत्र क्रिसमस के बाद शुरू हुआ था और जनवरी 15 तक चला था। इसी के साथ भूपेंद्र ने राहुल के संसदीय प्रदर्शन का भी हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि 16वीं लोकसभा में उनकी उपस्थिचि 54 फीसदी रही, जबकि 15वीं लोकसभा में उनकी उपस्थिति मात्र 43 फीसदी थी। ऐसे में संसद को लेकर कांग्रेस का मोह और आकर्षण समझ से परे है। गौरतलब है कि सामान्यतया शीतकालीन सत्र नवंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर क्रिसमस तक होता है। लेकिन इस बार गुजरात चुनाव और फिर नतीजों के कारण 18 दिसंबर तक नेताओं की व्यस्तता रहेगी।