न्यूयार्क। सीरियाई सरकार के द्वारा नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के जवाब में कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने सीरिया के आर्मी बेस पर हमला कर दिया है। सीरिया के द्वारा किए गए रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल करने से लगभग 80 लोगों की मौत हो गई थी। एक निजी अखबार की खबर के अनुसार, अमेरिका की 59 टॉमहॉक मिसाइलों ने सीरिया के अल शैरत एयरफील्ड को निशाना बनाया। मिसाइलों ने फाइटर जेट्स और दूसरी चीजों को निशाना बनाया। हालांकि इसमें रासायनिक हथियारों निशाने पर नहीं थे।
अमेरिका ने हमले से पहले रूसी अधिकारियों को इसकी खबर दी थी।सीरिया में कई रूसी फाइटर प्लेन भी हैं। 3 से 4 मिनट चले इस हमले के लिए मिसाइल दो अमेरिकी युद्धपोतों से दागी गईं। हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘सीरिया में महिलाओं, बच्चों और यहां तक कि छोटे-छोटे मासूम बच्चों सहित निर्दोष लोगों पर रासायनिक हमला किया गया। उनकी मौत मानवता के लिए शर्म की बात है। इसके बाद मैंने मिसाइल हमले को मंजूरी दी।’
इससे पहले, ट्रंप ने सीरिया पर हुए रासायनिक हमले को एक भयंकर हमला बताया। ट्रंप ने हमले के लिए सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने कहा कि सीरिया के लोगों के खिलाफ किए गए रासायनिक हमले ने ‘कई सारी हदें लांघी’ हैं। इसने सीरिया और राष्ट्रपति बशर अल असद के बारे में उनकी सोच बदलकर रख दी है।
बुधवार को ट्रंप ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि इस मुद्दे से सफलतापूर्वक निपटूं।”यह पहली बार है जब अमेरिका ने बशर अल असद के सरकार के सैन्यबलों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की है। विदेश मंत्री जिम मैटिस ने ट्रंप के सामने कई सैन्य विकल्प रखे थे। मिसाइल हमले का मकसद असद सरकार को संदेश भेजना था कि अगर रासायनिक हथियारों को फिर इस्तेमाल हुआ तो परिणाम भयंकर होंगे। कई रिपब्लिकन सांसदो ने ट्रंप को और कड़ी कार्रवाई करने और सीधे सीरिया की वायुसेना को निशाने पर लेने की वकालत की है।