नई दिल्ली। भारत में एक ऐसा जगह हैं जहां पर लाशों को जलाने के लिए भी पैसे लिए जाते हैं जहां 24 घण्टें लाशे जलाई जाती हैं। अगर हिन्दू रिति-रिवाजो को मानें तो सिर्फ दिन में ही दाह संस्कार किया जाता है लेकिन बनारस के मणिकर्णिका घाट पर 24 घण्टे शवों का दाह संस्कार किया जाता हैं। मणिकर्णिका घाट के बारे में ऐसी मान्यता हैं कि यहां चीता पर लेटने वाले इंसान को सीधे मोक्ष मिलता हैं यहां एक दिन में करीब 300 शवों का दाह संस्कार किया जाता हैं।
पैसे वसूलने के पीछे की कहानी
आप शायद यकीन ना करे लेकिन ये सच हैं लाशों को जलाने से पहले बकायदा उनसे टैक्स वसूला जाता हैं उसके बाद लाशों को जलाने की अनुमति दी जाती हैं। मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार की कीमत चुकाने की परम्परा तकरीबन तीन हजार साल पुरानी है। ऐसी मान्यता हैं कि श्मशान के रख-रखाव का जिम्मा तभी से डोम जाति के हांथ में था चूंकि डोम जाति के पास तब कोई रोजगार नही था तो उन्हे दाह सस्ंकार के बदले दान दिये जाते थे। लेकिन पहले यू डोम जाति मॅुह मांगा पैसे नही लेते थे और ना ही पैसे कमाने के गलत तरीके अपनाते थे। जैसे-जैसे जमाना आगें बढ़ते गया इनकी कीमत भी बढ़ती गई और इनके पैसे कमाने केल गलत तरीको में भी बढ़ोत्तरी होती गई।