उत्तर प्रदेश। जनपद बलरामपुर मुख्यालय सहित तीनों तहसील मुख्यालयों व अन्य क्षेत्रों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गयी जिसमें पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रायः यह देखा जाता रहा है की महिलाएं ईदगाह में नमाज अदा करने नहीं आती थी लेकिन इस बार बड़ी संख्या मे महिलाओं ने बड़ा ईदगाह पहुंचकर ईद की नमाज अदा की।
जिससे एक बात तो स्पष्ट होने लगी है की मुस्लिम महिलाएं भी बराबरी के हक के लिए आगे आने लगीं हैं और कहीं न कहीं मुस्लिम समाज भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के प्रति नरमी बरतने लगा है। ऐसे समय मे जब मुस्लिम महिलाओं के हक को लेकर बहस चल रही है यह महिलाओं के हक मे अच्छा संदेश है । जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस के साथ साथ पीएसी के जवानों को भी संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है।पूरे देश में इस त्यौहार को हिंदू और मुस्लिम मिलकर मनाते है एक दूसरे को गले लगाकर हर गिले-शिकवे को दूर करते है और सेवईयों की मिठास से अपने रिशतों को मीठा करते है।
ईद के दिन बच्चे बुढे सभी लोग हर्ष-उलास के साथ मनाते है। मुसलमानों का त्योहार ईद रमज़ान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख़ को मनाई जाती है। इसलामी साल में दो ईदों में से यह एक है दूसरा ईद उल जुहा या बकरीद कहलाता है। पहला ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनाया गया था।