इस्लामाबाद। पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने एक हैरान कर देने वाला बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान के मदरसों और उनमें दी जाने वाली तालीम पर सवालिय निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे या तो मौलवी बनते हैं या फिर आतंकवादी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में इतनी मस्जिदें नहीं बनाई जा सकती, जिनसे की इन बच्चों को मौलवी बनने के बाद नौकरी मिल सके। गौरतलब है कि पाकिस्तान में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी आर्मी चीफ ने देश के मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा पर सवाल खड़े किए है। पाकिस्तान जैसै कट्टरपंथी देश में इस तरह का बयान आना काफी हैरान कर देने वाला है।
उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को मजहबी तालीम नहीं, बल्कि वर्ल्ड क्लास एजुकेशन चाहिए। एक यूथ कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मदरसों में बच्चों को सिर्फ मजहबी तालीम दी जाती है इसलिए यहां के छात्र बाकी दुनिया के मुकाबले काफी पीछे रहे जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अब मदरसों के पुराने कॉन्सेप्ट को बदलना होगा और बच्चों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देनी होगी। बाजवा ने कहा कि सिर्फ मदरसे में मिली तालीम से बच्चों का कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि यहां कभी भी ये नहीं बताया जाता है कि आखिरकार बाहर कि दुनिया में चल क्या रहा है।
पाकिस्तान में फिलहाल देवबंद मुस्लिमों द्वारा चलाए जा रहे मदरसों में अभी करीब 25 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, जोकि खराब एजुकेशन की वजह से पिछड़ते जा रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान मिलिट्री के मीडिया विंग ने प्रेस रिलीज में बाजवा के मदरसों पर दिए सेंसिटिव बयानों को जगह नहीं दी है। वहीं आर्मी के रोल की भी चर्चा करते हुए बाजवा ने कहा कि मुझे डेमोक्रेसी में भरोसा है। आर्मी देश की सिक्युरिटी और डेवलपमेंट में अपना रोल निभाती रहेगी। उन्होंने कहा पाकिस्तान की आर्मी देश की सेवा के लिए बनी है इसलिए हम देश के प्रति अपने कर्तव्य को हमेशा बनाए रखेंगे।