उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित दक्षिणमुखी भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन ही सोमवार को सवारी नगर भ्रमण पर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये निकलेगी। सोमवार को भस्म आरती के लिए महाकाल मंदिर के पट प्रात: 2:30 बजे खुले और अलसुबह से भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी। सुबह पांच बजे हजारों श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हुए। आज श्रावण माह का प्रथम सोमवार है। आज भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी।
साथ ही पालकी में सवार होकर भगवान मनमहेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान महाकाल की सवारी का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में होने के पश्चात सवारी नगर भ्रमण की ओर रवाना होगी। भगवान महाकाल का रामघाट शिप्रा तट पर शिप्रा के जल से अभिषेक और पूजन-अर्चन पश्चात सवारी पुन: परम्परागत मार्ग से होते हुए मन्दिर पहुंचेगी। महाकाल मन्दिर से अपने निर्धारित समय से निकल कर मन्दिर के मुख्य द्वार पर पहुंचेगी। ठीक उसी समय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी जायेगी।
बता दें कि मंदिर प्रशासक रावत ने बताया कि दूसरी सवारी 17 जुलाई को निकलेगी। इस समय पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर मनमहेश विराजित होंगे। तीसरी सवारी 24 जुलाई को निकलेगी। इस दौरान पालकी में चंद्रमौलेश्वर रहेंगे और हाथी पर श्री मनमहेश तथा गरुड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे। चौथी सवारी 31 जुलाई को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 7 अगस्त को । इस दौरान पालकी में चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा।
वहीं इसी प्रकार छठी सवारी 14 अगस्त को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद तथा रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा रहेगा। अन्तिम शाही सवारी 21 अगस्त को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा तथा रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे।