नई दिल्ली। विश्व एड्स दिवस पर शुक्रवार को डीपीएम यूनिट के सभागार में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर डॉ. आर.पी.सोनी, डॉ. एस. आर. परस्ते, डॉ. बी.डी. अंसारी, लाइंस क्लब के अध्यक्ष एडवोकेट चन्द्रकांत पटेल, मुकेश ठाकुर, डॉ. करूणा सोनी, अमरदीप सिंह, एएनएमटीसी की प्रभारी प्राचार्यज्योति विश्वकर्मा, डीपीएम जवाहर विश्वकर्मा, मो साजिद खान आई.ई.सी. सलाहकार, चिकित्सकगण स्टॉफ नर्स, खण्ड स्तरीय एड्स सलाहकार, कांउसलर्स एवं एन.जी.ओ. के सदस्य उपस्थित थे।
बता दें कि डॉ. आर.पी. श्रीवास्तव ने बताया की जागरूकता ही एड्स से सर्वोत्तम बचाव है। युवा पीढी को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। एड्स कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. आर.पी.सोनी ने एड्स के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये बताया की एच.आई.व्ही. एक विषाणु का नाम है और इस विषाणु के कारण हुई क्षतिग्रस्त अवस्था को एड्स कहते हैं। सामान्य एच.आई.व्ही. को एड्स के रूप में पनपने में 08 से 10 वर्ष लग जाते हैं। एच.आई.व्ही. और एड्स के रोग की पहचान रक्त जांच के द्वारा की जा सकती है। एड्स पीडि़त व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम पड जाती है वह बार-बार बीमार होने लगता है और कमजोर होने लगता है। समय पर इलाज न होने की स्थिति में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
वहीं डॉ. सोनी ने बताया की जनवरी से नवम्बर 2017 तक 7602 व्यक्तियों का एच.आई.व्ही. टेस्ट किया गया, जिसमें 37 लोग एड्स से पीडि़त पाये गयें हैं। जिसमे 20 पुरूष, 15 महिलायें एवं 02 बच्चे हैं। एड्स से बचने के लिये व्यक्ति को सुरक्षित यौन संबंध, स्वच्छ एवं किटाणु रहित इंजेक्शन का उपयोग एवं सीरिंज युक्त नशा से बचाव ही उत्तम उपाय है। डॉ. बी.डी. अंसारी डी.एच.ओ.-1 ने एच.आई.व्ही. से बचने के तरीके एवं सुरक्षित उपायों के बारे में जानकारी दी।