नई दिल्ली। जीएसटी की 23वीं काउंसिल में लागू कि गई नई दरों का फायदा आम लोगों तक पहुंचाने और मुनाफाखोरी को रोकने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने आम लोगों तक जीएसटी की नई दरों को पहुंचाने के लिए मुनाफा विरोधी अथॉरिटी की स्थापना की है, जोकि लोगों तक जीएसटी की नई दरों को पहुंचाएगी। वहीं अगर इस अथॉरिटी के अधिकारियों ने इसको लेकर कोई कोताही बरती तो उन पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्ष में सम्पन्न हुई कैबिनेट मिनिस्टर्स की बैठक में ये फैसला लिया गया। इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता कर सरकार के इस फैसले से अवगत करवाया।
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि जीएसटी के तहत अब सिर्फ 50 वस्तुओं को ही 28 फीसदी के स्लैब में रखा गया है। आपको बता दें कि जीएसटी परिषद् की हाल ही में गुहावटी में सम्पन्न हुई बैठक में 177 चीजों को 28 फीसदी के स्लैब से बाहर कर दिया गया था और उन्हें 18 फीसदी के स्लैब में डाल दिया गया था। इसी के साथ 18 फीसदी के स्लैब में आने वाली कुछ वस्तुओं को 12 और 5 फीसदी के स्लैब में डाल दिया गया था। इसी के लाभ को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए सरकार ने मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण का गठन किया है। देश में इसी साल एक जुलाई को जीएसटी लागू किया गया था।
गौरतलब है कि अगर जीएसटी लागू होने से पहले किसी वस्तु या सेवा पर लगने वाले सभी करों की सम्मिलित प्रभावी दर की तुलना में अगर जीएसटी में कर की दर कम हुई है तो उसका फयदा ग्राहकों को दिया जाना है। इसी से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है, ताकि अवैध मुनाफाखोरी पर आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है।