नई दिल्ली। 16 मई को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के घर पर हुई सीबीआई की छापेमारी और लालू प्रसाद यादव के 22 ठिकानों पर आयकर विभाग की रेड पड़ने के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली का जवाब सामने आया है। दोनों राजनेताओं के घर पर हुई छापेमारी के बारे में जेटली का कहना है कि अब हिसाब देने के दिन आ गए हैं। उन्होंने ये भी कहा, इस तरह के लोगों (भ्रष्ट) को उनके कुकृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
बेनामी संपत्ति को लेकर हुई छापेमारी
आयकर विभाग ने लालू प्रसाद यादव के दिल्ली-एनसीआर समेत 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी, ये छापेमारी बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिए की गई थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग की तलाशियों की विपक्ष ने केंद्र द्वारा ‘राजनैतिक प्रतिशोध’ के तहत की गई कार्रवाई बताकर निंदा की। कांग्रेस ने कहा कि वह प्रतिशोध की राजनीति से नहीं डरेगी, जो सरकार के डीएनए में है। हालांकि, राजग सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि आज का दिन ‘भ्रष्टों’ के लिए जवाबदेही का है।
क्यों घिरे हैं चिदंबरम
सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के चेन्नई समेत चार शहरों में घरों और कार्यालयों की तलाशी ली। यह तलाशी कर जांच में कथित तौर पर हेराफेरी के लिए इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के स्वामित्व वाली मीडिया कंपनी आईएनएक्स से धन लेने के मामले में की गई। इसके अलावा साल 2015 में सीबीआई ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की थी। आरोप था कि जब जिकजा हैल्थकेयर के साथ प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा के लिए अनुबंध हुआ उस दौरान सचिन पायलट और कार्ति चिदंबरम कम्पनी में निदेशक थे। इसके तहत ईडी ने कार्ति चिदंबरम को नोटिस भी भेजा था।
क्या थी एयरसेल मैक्सिस डील
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पी. चिदंबरम पर आरोप लगाये थे कि उन्होंने कहा था कि एयरसेल मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी जबकि ये डील 3500 करोड़ की थी। नियमों के मुताबिक वित्तमंत्री 600 करोड़ रुपये तक की डील को ही मंजूरी दे सकते थे। एफआईपीबी ने फाइल को वित्तमंत्री के पास भेजा और उन्होंने इसे मंजूर कर दिया। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि इससे पहले कि कोई नोटिस जारी किया जाए, याचिकाकर्ता को पहले कोर्ट को प्रथम दृष्टया सबूत मैटेरियल के तौर पर पेश करने होंगे।