मुंबई। कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को 27 साल बीत गए है लेकिन इन 27 सालों में अपनी जमीन छोड़ने का दर्द अक्सर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर बयां करते रहते है फिर चाहे मंच कोई भी क्यों ना हो।
आज पलायन की 27 वीं एनीवर्सरी पर अनुपम खेर ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वे एक कविता पढ़ रहे हैं। अपने इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, 27 साल बाद भी हम कश्मीरी पंडित अपने देश में रिफ्यूजी है। मैं साइलेंट स्क्रीम को लेकर एक कविता पोस्ट कर रहा हूं।
27yrs on we #KashmiriPandits r stil refugees in our own country. A protest poem about their #SilentScream. Do share. https://t.co/72wRMpL9iS
— Anupam Kher (@AnupamPkher) January 19, 2017
इस कविता में अनुपम खेर ने कहा…फैलेगा..फैलेगा हमारा मौन। समुद्र के पानी में नमक की तरह…नसों में दौड़ते रक्त में घुलता हुआ पहुंचेगा दिलों की धड़कनों के बहुत करीब। और बोरी से रिसते आटे सा देगा हमारा पता। हम जहां भी हो किसी दुस्वप्न में या तो स्वप्न से भयंकर वास्तविकता में दूध की जड़ो सा अंधेरों से होता हुआ। गुत्थम गुत्था मांगेगा अपने लिए पूरी जमीन हीरे सी चमकती अंगूठी सा पड़ा रहेगा हमारे दुख की छोटी उंगली में। शरणार्थी शिवरों में हमेशा के लिए उदास हो गए बच्चों का मौन। यादों की गठरियां सिरो पर उठाए चल रहे बूढ़ो का मौन…स्त्रियों के होंठो पर जमी काली नदियों का मौन…।
बता दें कि इस वीडियो में अनुपम खेर 19 जनवरी 1990 का जिक्र कर रहे थे। उस दिन 60 ,000 से ज्यादा कश्मीरी पंडितो ने घाटी से पलायन किया था और भारत सरकार के खिलाफ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद शुरु किया था। इसके साथ ही 209 से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को मार गिराया था।