पटना। बिहार में तो मानों घोटालों की बयार सी ही छा गई है। आए दीन कोई न कोई घोटाला सामने आता ही रहता है। हाल ही में लालू परिवार की बेनामी संपत्ति मामलें के चलते बिहार ने खुब सुक्रिया बटोरी थी। वहीं बिहार में महादलित विकास मिशन और सृजन घोटाले की जांच तो पहले से ही सीबीआई के हाथ में हैं, ऊपर से अब एक और नया घोटाला बिहार में उजागार हो गया है। बिहार में सामने आए इस नए घोटाले का नाम है शौचालय घोटाला। हालांकि की अभी तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है।
इस घोटाले को लेकर जो थोड़ी बहुत सबूत सामने आए हैं उनके मुतबिक इस घोटाले में शौचालय निर्माण के लिए दिए गए 13 करोड़ रुपये के गबन की बात सामने आई है। पटना के जिला अधिकारी के मुताबिक इस सम्बंध में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मुताबिक शौचालय बनाने का पैसा सीधे लाभार्थी के खातों के बदले कुछ एनजीओ और दो व्यक्तियों के खाते में ट्रांसफर किया गया है।
बता दें कि ये घोटाला लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का है और इसके मुख्य आरोपी हैं विनय कुमार सिन्हा जिन्होंने कार्यपालक अभियंता रहते हुए 2012 से 2015 तक दस हज़ार शौचालय के नाम पर पैसे का बंदरबाँट किया। ये घोटाला विभागीय जाँच के दौरान पटना के ज़िला अधिकारी द्वारा पकड़ा गई है। फ़िलहाल इस मामले में सिन्हा की गिरफ़्तारी जहाँ तय है वही एक लेखपाल को निलम्बित किया गया है, लेकिन इस मामले की जाँच के दौरान कई अनियमितता पाई गई है।