September 8, 2024 6:03 am
पंजाब

सतलुज-यमुना लिंक मामले पर पंजाब-हरियाणा की बैठक बुलाने का अमरिंदर ने किया स्वागत

un सतलुज-यमुना लिंक मामले पर पंजाब-हरियाणा की बैठक बुलाने का अमरिंदर ने किया स्वागत

चंडीगढ़। पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के बीच 20 अप्रैल को बैठक बुलाने के केंद्र के कदम का वह स्वागत करते हैं।

मुद्दे को बैठक करके जल्द सुलझाने के निर्देश-

केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नदी जल बंटवारे के विवादास्पद मुद्दे को सुलझाने के लिए बैठक बुलाने के लिए कहा है। मोदी ने पंजाब और हरियाणा दोनों को इस मामले में आगे आकर बात करें और सुनियोजित तरीके से इस विवाद को सुलझाएं।

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नई कांग्रेस सरकार मामले में जारी करेगी नए निर्देश-

सतलुज-यमुना लिंक एसवाईएल नहर मामले पर सर्वोच्च न्यायालय 12 अप्रैल को सुनवाई करने वाला है लेकिन सूत्रों की मानें तो ये सुनवाई टल सकती है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि पंजाब ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि राज्य की नई कांग्रेस सरकार इस मामले में नए निर्देश जारी करेगी और इसलिए मामले की सुनवाई स्थगित करना जरूरी है। पंजाब की ओर से अधिवक्ता राम जेठमलानी, महाधिवक्ता अतुल नंदा और वरिष्ठ वकील आर.एस. सूरी न्यायालय में पेश हुए, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी ने अपनी बात सामने रखी।

मुख्यमंत्री अमरिंदर ने की ये टिप्पणी

अमरिंदर ने एक बयान में यहां कहा कि वह एसवाईएल मुद्दे को सुलझाने के लिए काफी समय पहले से केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे थे, क्योंकि नहर के निर्माम के बाद पंजाब को पानी नहीं मिलेगा,

जो कि पंजाब के लिए आवश्यक है। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने पड़ोसी राज्यों के साथ नदी के जल बंटवारे से संबंधित समझौतों को तोड़ने के लिए पंजाब के द्वारा लिए गए फैसले को असंवैधानिक करार दिया था और राज्य को नहर निर्माण की अनुमति देने के आदेश दिए थे, एसवाईएल का पानी पड़ोसी हरियाणा को भी मिल सके।

जिस पर पंजाब की टिप्पणी देते हुए अमरिंदर ने कहा था कि “पंजाब के पास अन्य राज्यों को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। एसवाईएल मामले में कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले पंजाब के पास उपलब्ध नदी के वास्तवित पानी का नए सिरे से आकलन करने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ जल आवंटन में न्याय नहीं हुआ है।

जानिए क्या है सतलुज यमुना लिंक विवाद

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