लखनऊ। सरकार की नोटंबदी का फैसला जनता पर कही बहुत ही भारी भी पड़ने लगा है। सरकार ने भले ही शादी के लिए लोगों को ढाई लाख रूपये निकालने की छूट दी है । लेकिन बैंकों की कतारें खत्म नहीं हो रही हैं। कई बैंकों में शादी का कार्ड लेकर पैसे निकालने पहुंचे लोगों को बैंक कर्मियों ने आदेश की कापी ना मिलने की बात कह लौटा दिया।
लगातार कैश की किल्लत मची हुई है। बैंकों में लोगों की भीड़ खत्म होने का नाम नही ले रही है। एटीएम भी खाली पड़े हैं। लाइने लम्बी और देर तक लगी रहती हैं। शादी के माहौल में लोगों के घर पैसों की किल्लत ने शादी का मजा किरकिरा कर दिया है। लेकिन हालत यहीं तक नहीं रूके है बीकेटी रहने वाले अमरपाल पर तो नोटबंदी ने कहर बरपा दिया है। अपनी गर्भवती पत्नी के इलाज के लिए पैसों की जुगत में बैंक में लाइन लगे रहे अमरपाल की पत्नी समेत बच्चे की मौत हो गई।
अमर पाल ने अपनी गर्भवती पत्नी को सीएचसी में भर्ती कराया था। इलाज के लिए वह पैसे निकालने बैंक की लाइन में लगा था जब उसका नम्बर आया तो कैश खत्म हो गया, तभी फोन पर उसे सूचना मिली की अस्पताल में पत्नी और बच्चे की मौत हो गई है। खबर मिलते ही अमरपाल बेहोश हो गया। आखिर नोटबंदी और इलाज के अभाव में अमरपाल का घर सूना हो गया। उसके सपने टूट गये। जनता में नोटबंदी के बाद जो नियम लगाए गये । वो जनता के लिए अब नासूर बन गये हैं।