बिहार

शराबबंदी सामाजिक सुधार के लिए आवश्यक : कोविन्द

bihar 14 शराबबंदी सामाजिक सुधार के लिए आवश्यक : कोविन्द

पटना। एसकेएम हॉल में आचार्य महाश्रमण जी की अहिंसा-यात्रा के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविन्द ने कहा कि बिहार ज्ञान, कर्म, चरित्र, नैतिकता, दर्शन, धर्म-सबसे परिपूर्ण एक विपुल वैभवशाली और गौरवशाली प्रदेश रहा है। यह जैन और बौद्ध धर्मों का तो जन्मस्थल रहा ही है, सिखों के दसवें गुरू गुरू गोविन्द सिंह जी के जन्मोत्सव को भी इस वर्ष प्रकाश पर्व के रूप में आयोजित कर उसने पूरी दुनियां के सामने आतिथ्य के प्रति अपनी गहरी निष्ठा को जता दिया है।

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राज्यपाल ने कहा कि जैन धर्म के 24 तीर्थांकरों में से 22 की मोक्ष-स्थली बिहार एवं झारखंड की एकीकृत धरती रही है। 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर वर्द्धमान सहित 5 तीथार्करों की जन्म-भूमि भी बिहार की पावन भूमि ही रही है। उल्लेखनीय है कि वर्द्धमान महावीर जैन धर्म और दर्शन को उत्कर्ष दिलाने में सर्वश्रेष्ठ रहे हैं।

कोविन्द ने कहा कि आज आज सम्पूर्ण विश्व हिंसा और आतंकवाद के खतरों से त्रस्त है। वहीं, आज सभी आध्यात्मिकता की ललक में पुनः भारतवर्ष की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं कि जीवन का सदुपयोग कैसे हो? इस विषय पर भारतीय संतों और महात्माओं ने अपने संदेशों से बराबर जन-मानस का मार्ग-दर्शन किया है। आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ जी ने अपनी प्रज्ञा और दार्शानिक चिन्तनों से आध्यात्मिक उन्नयन का सुगम रास्ता बताया है। राज्यपाल ने कहा कि आचार्य महाश्रमण जी का संदेश है कि संसार में आध्यात्मिक, नैतिक व चारित्रिक विकास के बिना किसी भी राष्ट्र का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है।

इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार शराबबंदी से पूर्ण नशाबंदी की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के शराबबंदी के निर्णय से समाज में शांति बढ़ी है, वहीं, अपराधों की संख्या में कमी आई है। साथ ही सड़क हादसे भी कम हो गए हैं। शराब का सेवन छोड़ने से जहां पूंजी की बचत हो रही है। वहीं, उनके जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सफलतापूर्वक ‘प्रकाश पर्व’ आयोजित किया गया और अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘चम्पारण-सत्याग्रह-आंदोलन’ के शताब्दी-समारोह का सफल आयोजन किया जायेगा। इस मौके पर उन्होंने ‘अणुव्रत पुरस्कार’ को आम बिहारवासी के दृढ़निश्चय का सम्मान बताया। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि उनकी अहिंसा-यात्रा का समाज में सद्भावना, नौतिकता और नशामुक्ति के प्रति चेतना विकसित करने के उद्देश्य से है। कार्यक्रम में साध्वी-प्रमुखश्री कनकलता, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन, टीकमचन्द सेठिया, तनसुख वैद्य आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दौरान अणुव्रत समिति द्वारा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को बिहार में पूर्ण शराबबंदी के निर्णय लेने के लिए ‘अणुव्रत पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

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