लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद हर जगह को भगवा रंग में रगने के लिए निकली भगवा गैंग को लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश ने लखनऊ में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि धान की कीमत किसानों को अब तक नहीं मिली है और आलू किसान तो बर्बाद हो दए हैं क्योंकि सरकार उनकी कर्जमाफी नहीं कर पाई है। हज हाउस को भगवा रंग में रंगने को लेकर अखिलेश ने कहा कि अपनी कमी छिपाने के लिए हमें जातिवादी बताने वाले लोगों को मैं कहना चाहुंगा कि रंग बदलने से विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार भगवा क्रीम लगाने की कोशिश में है।
यूपी के किसानों की बदहाल स्थिति के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा सबसे ज़्यादा आत्महत्या किसानों ने की इस सरकार में की है। इस सरकार ने 1.5 लाख नौकरी का वादा किया था लेकिन अब तक युवाओं के रोजगार को लेकर कुछ नहीं हुआ। बस हजारों का विज्ञापन निकाला लेकिन काम कुछ नहीं हुआ। उल्टा समाजवादी पार्टी सरकार के काम को खुद का बता रहे हैं। सपा सरकार के दौरान जिनका इलाज हुआ उनकी जांच कर रही है। ये सरकार काम की नहीं है।
अखिलेश ने कहा कि राज्य में क़ानून व्यवस्था के लिए सपा ने काम किया है। 100 नंबर शुरू किया है। लेकिन सरकार ने इस प्रोजेक्ट को भी रोक दिया। बीजेपी खुद जातिवादी है। गौरतलब है कि यूपी की राजनीति में रंगों और प्रतीकों की यह सियासत नई नहीं है। योगी राज में जहां भगवा रंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं मायावती के शासन काल में नीला एक तरह से सरकारी रंग बन गया था। मायावती के समय में डिवाइडर से लेकर सरकारी बसें तक नीली हो गई थीं। यहीं नहीं खुद अखिलेश सीएम बने तो सरकारी बसें समाजवादी पार्टी के लाल रंग में रंग गई थीं और अखिलेश यादव के समय में लाल रंग सरकारी कलर बन गया था।