नई दिल्ली। ईवीएम मशीन में गड़बड़ी को लेकर बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को इकट्ठा करने का दम भरने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को तगड़ा झटका लगा है। अखिलेश के आह्नाव के बावजूद कांग्रेस और बीएसपी ने इस दौरान हुई मीटिंग से दूरी बनाए रखी, जिससे विपक्षी एकता पर एक बार फिर चोट लगी है। दरअसल समाजवादी पार्टी ने शनिवार को विपक्ष को एकजूट करने के लिए सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी,जिसमें गोरखपुर,फुलपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर भी चर्चा होने की बात सामने आ रही है। इसी के साथ इस बैठक में ईवीएम के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, लेकिन इस बैठक में कांग्रेस और बीएसपी के शामिल न होने के चलते विपक्षी एकता को तगड़ा झटका लगा है।
इस बैठक में ईवीएम की बजाए देश में बैलेट पेपर से लोकसभा का उपचुनाव कराने में सहमति नहीं बन पाई है। गोरखपुर और फूलपुर में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव के लिए इस बैठक में रणनीति तैयार होनी थी, जबकि ईवीएम के लेकर आम सहमति को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने का विपक्षी दलों ने मन बनाया था। हाल ही में संपन्न हुए गुजरात चुनाव और यूपी के निकाय चुनाव के बाद सपा ने ईवीएम से चुनाव पर आपत्ति जाहिर की थी, हालांकि चुनाव आयोग ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर चुका है। इस दौरान सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सभी दल बैठक में पेपर से चुनाव कराए जाने की बात से सहमत है। अगले हफ्ते एक और बैठक होगी जिसमें कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा, हालांकि थोड़ा सी असहमति सीपीएम ने जताई है।
आपको बता दें कि विपक्ष बैलेट पेपर की मांग के बहने एकजुट होना चाहता है और सपा यहां अपना नेतृत्व देख रही है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की इस बैठक में आरएलडी के डॉ मसूद, जदयू शरद गुट के सुरेश निरंजन, एनसीपी के रमेश दीक्षित, आरजेडी के अशोक सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जनेश्वर ट्रस्ट बैठक में शामिल हुए। अपना दल (कृष्ण पटेल गुट) की पल्लवी पटेल, जनवादी पार्टी के संजय सिंह चौहान ने भी बैठक में हिस्सा लिया। ईवीएम के मुद्दे पर बैठक में आम आदमी पार्टी सहित वाम दल के नेता पहुंचे. आम आदमी पार्टी के गौरव महेश्वरी भी पहुंचे तो वहीं वाम दल के नेता भी बैठक में शामिल हुए।