नई दिल्ली। बसों और ट्रेनों की बिगड़ती हालत की तरह अब एअर इंडिया की हालत भी बिगड़ती नज़र आ रही है। एअर इंडिया की फ्लाइट में ये पहली बार नहीं हुआ है कि यात्रियों को सफर करने में परेशानी का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी एअर इंडिया की फ्लाइट में लापरवाही देखने को मिल चुकी है। दरअसल एक बार फिर एअर इंडिया की फ्लाइट में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। पश्चिम बंगाल से बागडोगरा से दिल्ली आ रही उड़ान संख्या AI 800 में एसी खराब होने की वजह से यात्रियों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मास्क का सहारा लेना पड़ा। एसी सिस्टम खराब होने के बाद फ्लाइट के अंदर गर्मी बढ़ने की वजह से लोग खद को राहत देने के लिए फ्लाइट में अखबारों से हवा करते नज़र आए। फ्लाइट में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कुछ यात्रियों की हालत बिगड़ने की भी खबर है।
बता दें कि मीडिया से बात करते हुए यात्रियों ने बताया कि उड़ान भरने से पहले ही फ्लाइट की काम नहीं कर रहा था। जब यात्रियों ने इसकी शिकायत की तो स्टाफ ने कहा कि फ्लाइट के उड़ान भरते ही एसी काम करने लगेगा जबकि ऐसा नहीं हुआ और फ्लाइट के उड़ान भरते ही यात्रियों की गर्मी से हालत खराब होने लगी। खुद को गर्मी से बचाने के लिए और दम घुटने के से बचने के लिए यात्रियों ने खुद को अखबरा से हवा करना शुरू कर दिया। वहीं विमान में बैठे देबास्मिता ने बताया कि फ्लाइट में गर्मी होने के कारण उसमें बैठे एक अस्थमा के मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उन्होंने उन्होंने सांस लेने के लिए स्टाफ से ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क मांगा। लेकिन उसके बाद पता चला कि फ्लाइट में मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर में गैस तक नहीं थी। यात्रियों की शिकायत के बावजूद स्टाफ ने उनकी एक नहीं सुनी।
वहीं दिल्ली में उतरने के बाद भी जब यात्रियों ने एअर इंडिया के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तब भी उनकी ओर से ना तो कोई खेद जताया गया और ना ही असुविधा के लिए माफी मांगी गई। जानकारों के मुताबिक एसी सिस्टम के काम किए बिना फ्लाइट को उड़ाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। ऐसे करके विमान सेवा ने यात्रियों की जान को जोखिम में डाला है और उन पर भारी जुर्माना लगना चाहिए। इस मामले में जब एअर इंडिया का पक्ष जाना गया तो कंपनी की ओर से कहा गया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। लेकिन उसके बाद भी सवाल ये है कि क्या इतनी बड़ी लापरवाही के बाद कंपनी पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं। हाल ही में सरकार की ओर से सरकारी विमान सेवा एअर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी गई है। मतलब साफ है कि कर्ज में डूबी एअर इंडिया की हालत सुधारने के लिए सरकार इसकी हिस्सेदारी को बेचने के लिए तैयार है।