नई दिल्ली। भाषा भारतीय वायु सेना सरकारी की क्षेत्रीय संपर्क योजना आरसीएस के तहत बीती तारीख 30 अगस्त को अपने हिंडन एयरबेस का असैन्य उड़ानों के लिए इस्तेमाल किये जाने पर सहमत हो गयी है। इसकी जानकारी नागर विमानन सचिव आरएन चौबे ने दी। उनका कहना है कि इससे दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का दबाव कम होगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हिंडन को दूसरे हवाई अड्डे के रूप में चलाने से इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर उड़ानों के लिए स्लॉट जगह की कमी दूर होगी।
बता दें कि चौबे ने उद्योग और वाणिज्य संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रमरुम में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि आरसीएस की बोली के दूसरे दौर में हमें दिल्ली हवाई अड्डा के स्लॉट की अच्छी मांग आने की उम्मीद है। हमने महसूस किया कि दिल्ली इंदिरा गांधी एयरपोर्ट लिमिटेड डीआईएएल के लिए सारे स्लॉट उपलब्ध करवाना मुश्किल होगा और हमने इसी के मद्देनजर यह मुद्दा वायु सेना के सामने उठाया। वायु सेना हमारे साथ सहयोग के लिए तैयार है और हमारे लिए अपना एयरबेस उपलब्ध कराने पर राजी है। इसमें सरकार को छूट के लिए समक्ष मुद्दों को शामिल करना होगा।