नई दिल्ली । भारत-रूस के बीच कामोव हेलिकॉप्टर बनाने के लिए करार हो गया है। हालांकि रक्षामंत्री अरूण जेटली के पिछले माह रूस दौरे के दौरान रूस से नए फाइटर एयरक्राफ्ट और ‘कामोव हेलिकॉप्टर’ पर बड़ा करार होने की उम्मीद जताई गयी थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत और रूस के बीच 1 बिलियन डॉलर की डील फाइनल हो गयी है। जिसको लेकर उम्मीद की जा रही है कि लंबे समय से रक्षा सहयोगी रहे रूस के साथ मिलकर कामोव हेलिकॉप्टर बनाने पर तेजी से कार्य होगा। इस समझौते से मेक इन इंडिया के इस प्रोजेक्ट के तहत भारतीय सेना को अगले नौ साल में 200 हेलिकॉप्टर मिल सकेंगे। बता दें कि इस जॉइंट वेंचर के लिए भारत और रूस के बीच शुरुआती अग्रीमेंट पिछले साल अक्टूबर में हुआ था।
इससे पहले बीती 20 जून को अरूण जेटली अपनी 4 दिन की रूस यात्रा पर गए थे। 23 जून तक वहीं रूके थे। इस दौरे पर 5वीं जेनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट के अलावा कामोव हेलिकॉप्टर मंजूरी काफी अहम थी। दरअसल, अरूण जेटली के दौरे से पहले रूस की डिफेंस कमेटी ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत हमारे से 5वीं जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट ही खरीद सकता है। हालांकि इस डील में पैसों को लेकर कुछ बात अटकी हुई थी आपको बता दें कि इस दौरे में रूस से 464 टी-90 टैंक्स खरीद को लेकर बात हुई थी।
वहीं भारत में एफ-16 ब्लॉक 70 के उत्पादन के लिए लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ था। एफ-16 ब्लॉक 70 विमान भारतीय वायुसेना के सिंगल इंजन फाइटर जरूरतों के लिए उपयुक्त हैं। इससे देश के निजी क्षेत्र में रक्षा उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके पहले टीएएसएल ने सी-1390 जेड विमान के लिए एयरफ्रेम कम्पोनेंट बनाया है।