कानपुर। गठबंधन के तहत कानपुर में तीन सीटें कांग्रेस के खातें में गई पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नामांकन करा चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। रही सही कसर मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस के खिलाफ कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का बयान देकर पूरी कर दी। जिसके चलते इन तीनों सीटों पर चुनावी हलचल बढ़ गई है।तो वहीं कांग्रेस पूरी तरह से असमंजस में है। हालांकि पार्टी को भरोसा है कि नामांकन खत्म होने के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा।
कांग्रेस समाजवादी पार्टी के गठबंधन होने के बावजूद समाजवादी पार्टी ने कानपुर की सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया। जबकि कांग्रेस के खातें में यहां की किदवई नगर, गोविन्द नगर व कैंट सीट गई है। तीनों सीटों पर क्रमशः ओमप्रकाश मिश्रा, योगेन्द्र कुशवाहा व हसन रूमी लाव लश्कर के साथ नामांकन कराया और क्षेत्र में पूरे जोश के साथ प्रचार-प्रसार कर रहें है। तो वहीं कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों ने भी नामांकन करा जनता के दरबार में गुहार लगा रहें है। ऐसे में कांग्रेस पूरी तरह से परेशान है। बताते चलें कि कानपुर में कांग्रेस ने सिटिंग सीट किदवई नगर से अजय कपूर, कैंट से सोहेल अंसारी व गोविन्द नगर से अम्बुज शुक्ला को मैदान पर उतारा है। अब सपा के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस के खिलाफ कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का बयान देकर आग में घी काम किया। जिसके चलते सपा प्रत्याशी चुनावी मैदान से हटने को तैयार नहीं है और क्षेत्र में जमकर प्रचार-प्रसार कर रहें है।
हालांकि सपा प्रत्याशी ओमप्रकाश मिश्रा का कहना है कि हाईकमान यानि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जो निर्णय होगा वही अन्तिम रूप से मान्य होगा। फिलहाल हम अभी चुनाव पूरी मजबूती से लड़ रहें है। हसन रूमी का कहना है नामांकन के दौरान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से बातचीत हुई थी वहां से हरी झण्डी मिलने के बाद ही नामांकन कराया गया है। ऐसा ही कुशवाहा का कहना है। पर जिस प्रकार से सपा के प्रत्याशी चुनावी कमर कसे हुए है उससे कांग्रेस को यह भय सता रहा है कि भले ही सपा से इनका सिंबल छिन जाय पर नेता जी कहने पर कहीं भीतरघात हो गया तो लड़ाई में पिछड़ न जायगें। ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि दबाव बनाकर जल्द से जल्द सपा प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस ले लिया जाए।
गठबंधन के बोल
कांग्रेस नगर अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री का कहना है कि कांग्रेस कानपुर की तीन सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने जा रहें है। रही बात सपा के प्रत्याशियों की तो इसका फैसला उन्ही के हाईकमान को करना है। उम्मीद है कि जल्द ही उनके प्रत्याशी मैदान छोड़ देंगे। सपा नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद ने बताया कि गठबंधन के तहत जो भी ऊपर से आदेश आएगा उसका पालन किया जाएगा।
मतदाता भी भ्रमित
चुनावी माहौल में तीनों क्षेत्र के मतदाता यह नहीं समझ पा रहें है कि कौन किस पर भारी पड़ रहा है। गोविन्द नगर के मो. हारून का कहना है कि पहले पारिवारिक झगड़ा और अब गठबंधन होने के बाद सीट का निश्चित न होने से भ्रम की स्थित बनी हुई है। रणजीत सिंह का कहना है कि सपा की अनिश्चितता से चुनावी चर्चाएं जोर नहीं पकड़ रही हैं। गोविन्द नगर के पापा चाय की दुकान पर मुलायम सिंह यादव के बयान पर लोगों ने चर्चा कर भाजपा की जीत का रास्ता साफ बताया।
स्क्रूटनी का इंतजार
कांग्रेस को नामांकन खत्म होने के बाद स्क्रूटनी का इंतजार है। बताते चलें कि सिंबल से नामांकन होने की स्थित में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष या प्रदेश अध्यक्ष स्क्रूटनी से पहले हस्ताक्षर करके सिंबल वापस लिया जा सकता है। इसके लिए फार्म बी भरना होता है, इसकी सबसे खास बात यह है कि प्रदेश अध्यक्ष या राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर फैक्स के माध्यम से फार्म भेजता है तो मान्य नहीं होगा। ऐसे में कांग्रेस एक फरवरी को 11 बजे का इंतजार है। बताते चलें कि कानपुर में 31 जनवरी तक नामांकन है और एक फरवरी को 11 बजे से स्क्रूटनी शुरू हो जाएगी।