पटना। बिहार के 12 जिलों में कहर बरपाने के बाद अब गंगा का जलस्तर लगाातार घट रहा है। गंगा पटना के दीघाघाट और बक्सर में खतरे के निशान से नीचे आ गई है। इसके अलावा कई बाढ़ प्रभावित इलाकों भी बाढ़ का पानी उतर रहा है, लेकिन अब भी करीब 3.92 लाख लोग 644 बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं। हाल में आई बाढ़ से 12 जिलों के 2,000 से ज्यादा गांवों की 37 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ से अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच बिहार सरकार ने बाढ़ राहत के लिए 754 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य हेतु बड़ी राशि की आवश्यकता के मद्देनजर 754 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बुधवार को भी गंगा और सोन सहित राज्य की सभी नदियों के जलस्तर में कमी देखी गई। पटना के दीघाघाट पर गंगा खतरे के निशान से नीचे बह रही है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक कुमार ने बुधवार को बताया कि गंगा नदी गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर तथा कहलगांव में और बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया में खतरे के निशान से उपर बह रही है। प्रदेश की शेष सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे मैदानी इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक करीब 7015 लाख लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है, जिनमें से करीब 3.92 लाख लोगों को 644 बाढ़ राहत शिविरों में रखा गया है। बाढ़ से करीब 3070 करोड़ मवेशी भी प्रभावित हुए हैं। मवेशियों के लिए भी 184 शिविर स्थापित किए गए हैं।
विभाग के मुताबिक, बाढ़ से अब तक कुल 67 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें भोजपुर जिले में 21, समस्तीपुर में 11, बेगूसराय में नौ, वैशाली में सात, खगडिया में छह, सारण में पांच, लखीसराय में तीन, भागलपुर में दो और पटना, बक्सर तथा मुंगेर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में अब भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।